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गाजा की लड़ाई अब सिर्फ सरहदों की नहीं रही, UN से लेकर यूरोप तक को हो रही चिंता 

इस कहानी की एक दूसरी तस्वीर भी है. UN के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के मुताबिक गाजा से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर इजरायल, मिस्र और जॉर्डन के गोदामों में जरूरी खाद्य सामग्री भरी पड़ी है, लेकिन गाजा के अंदर WFP के गोदाम खाली हैं.

गाजा की लड़ाई अब सिर्फ सरहदों की नहीं रही, UN से लेकर यूरोप तक को हो रही चिंता 

भूख जब बेकाबू होती है… तो इंसानियत दम तोड़ देती है और ग़ाज़ा में यही हो रहा है. यहां अब बमों से पहले भूख जान ले रही है. कभी राहत की उम्मीद लेकर आने वाले ये ट्रक आज मौत के मैदान में बदल चुके हैं. जैसे ही ट्रक पहुंचे भूख से बेहाल भीड़ ने उन्हें घेर लिया और पल भर में राशन, पानी और दवाइयों से लदा सामान लूट लिया गया. ग़ाज़ा में हालात अब इतने नाज़ुक हो गए हैं कि बच्चों के पास रोटी नहीं, माओं के पास आंसू नहीं और बड़ों के पास कोई उम्मीद नहीं बची.

गाजा हुआ बदहाल

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संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है, 'यह समय ग़ाज़ा के लिए सबसे बुरा है.' उन्होंने इज़रायल से गुज़ारिश की कि कम से कम राहत सामग्री के ट्रकों को रोका न जाए, लेकिन ज़मीन पर हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं. बीते शुक्रवार को, इज़रायली हमलों में कम से कम 71 लोग मारे गए और गिनती वहीं रुकी नहीं. दर्जनों घायल, कई लापता और ट्रकों की राह देखती आंखें अब पत्थर हो चली हैं. ग़ाज़ा की गलियों में सिर्फ मलबा नहीं पड़ा, वहां उम्मीद की कब्रें भी खुद चुकी हैं. जहां मां-बाप अपनी भूख से नहीं, अपनी बेबसी से टूट चुके हैं. इज़रायली वायुसेना ने दावा किया है कि उन्होंने आतंकवादियों के 75 से ज़्यादा ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है, लेकिन जब अस्पताल, स्कूल और रिफ्यूजी कैम्प भी मलबे में बदल जाएं… तो सवाल उठता है कि असली निशाना क्या है?

जंग अब पेट और जान की लड़ाई

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ग़ाज़ा की ये लड़ाई अब सिर्फ सरहदों की नहीं रही… ये ज़िंदगी और ज़रूरतों की लड़ाई बन चुकी है. और जब ज़रूरत रोटी और पानी की हो तो हथियारों से नहीं, इंसानियत से जवाब देना चाहिए. बीते 19 महीनों से जारी ये जंग अब सिर्फ गोलियों और मिसाइलों की नहीं रही. ये जंग अब पेट और जान के बीच की लड़ाई बन चुकी है. संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट बताती है कि गाजा में करीब 5 लाख लोग भुखमरी के कगार पर हैं और अगर हालात नहीं बदले, तो हर पांच में से एक शख्स इस संकट का शिकार हो सकता है. यानी गाजा में करीब 21 लाख लोग अकाल जैसी स्थिति में आ सकते हैं. 

किचन बंद हो चुके

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इस कहानी की एक दूसरी तस्वीर भी है. UN के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के मुताबिक गाजा से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर इजरायल, मिस्र और जॉर्डन के गोदामों में जरूरी खाद्य सामग्री भरी पड़ी है, लेकिन गाजा के अंदर WFP के गोदाम खाली हैं. यहां ज्यादातर बेकरियां और दान से चलने वाले किचन बंद हो चुके हैं. UN के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के डायरेक्टर एंटोनी रेनार्ड के मुताबिक हम पहले 10 लाख लोगों को खाना देते थे, अब मुश्किल से 2 लाख तक पहुंच पा रहे हैं. हालात को देखते हुए UN और यूरोपीय देशों ने इजरायल से गाजा पट्टी में भूखमरी और अकाल की स्थितियों से निपटने के लिए गाजा को खाना पहुंचाने पर लगी रोक को जल्द खत्म करने की मांग की है. खैर इन मांगों को पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 13 मई को दिए एक बयान में कहा कि वे हमास को खत्म करने के लिए ये जंग जारी रखेंगे.

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