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This Article is From Nov 19, 2015

फ्रांसीसी पीएम ने जताई रासायनिक या जैविक हमले की आशंका, तीन महीने बढ़ी इमरजेंसी

फ्रांसीसी पीएम ने जताई रासायनिक या जैविक हमले की आशंका, तीन महीने बढ़ी इमरजेंसी
फ्रांस के प्रधानमंत्री मैन्युअल वाल्स (रायटर्स फोटो)
पेरिस: फ्रांस के प्रधानमंत्री मैन्युअल वाल्स ने इस्‍लामिक आतंकियों की ओर से फ्रांस में रासायनिक (कैमिकल)या जैविक हथियारों से हमले की आशंका जताई है। इन आशंकाओं के मद्देनजर फ्रांसीसी संसद के निचले सदन ने राष्ट्र में आपातकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।

इससे पहले आपातकाल की स्थिति को विस्तार दिए जाने के लिए हुई चर्चा में सांसदों को संबोधित करते हुए उन्‍होंने यह चेतावनी दी। वाल्स ने कहा, 'हमें किसी भी आशंका से इंकार नहीं करना चाहिए। इसके लिए तमाम सतर्कता बरते जाने की जरूरत हैं।' पेरिस में आतंकवादी हमलों के मद्देनजर उठाए जाने वाले कदमों पर संसद में हुई बहस में प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें इस बात को ध्‍यान में रखना चाहिए कि रासायनिक या जैविक हथियारों से हमले का खतरा है।'

व्‍यापक तबाही का कारण बन सकते हैं
रासायनिक हथियारों के तहत आतंकवादी ऐसे जहरीले रसायनों का इस्तेमाल कर सकते हैं जो कम कीमत में बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकते हैं। इसीलिए इन्हें भी परमाणु और जैविक हथियारों के साथ भारी तबाही मचाने वाले हथियारों की श्रेणी में रखा जाता है। रासायनिक हथियारों के तहत ऐसी कई जहरीली गैसें आ सकती हैं जिन्हें तीनों अवस्थाओं में यानी गैस के तौर पर तरल या ठोस अवस्था में इस्तेमाल किया जा सकता है।

नर्व गैस, टियर गैस और पैपर स्प्रे इन रासायनिक हथियारों के तीन आधुनिक उपकरण हैं। जेनेवा संधि के तहत किसी भी युद्ध में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद कई मौकों पर इनका इस्तेमाल सामने आता रहा है।

ईरान-इराक युद्ध में इस्‍तेमाल हुए थे रासायनिक हथियार
संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों के मुताबिक ईरान-इराक युद्ध के दौरान इराक ने कई मौकों पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। 1983 में मस्टर्ड गैस का इस्तेमाल किया जबकि 1985 में नर्व गैस का इस्तेमाल किया। 16 मार्च 1988 को इराक ने अपने ही हलाबज़ाइलाके के कुर्दों पर रासायनिक बम गिराए जिनमें मस्टर्ड गैस का इस्तेमाल किया गया। अनुमानों के मुताबिक इनके तहत 3200 से 5000 तक लोग मारे गए। जो लोग बचे भी वो लंबे समय तक सेहत से जुड़ी परेशानियों से लड़ते रहे। (इनपुट एजेंसी से भी )

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