पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ फोन कॉल के दौरान फ्रांस ने 'संयम बरतने तथा सैन्य गतिविधियां कम करने' का आह्वान किया है, और ज़ोर देकर कहा है कि 'तनाव बढ़ा सकने वाले कदमों से दूर रहना आवश्यक है...' फ्रांस के यूरोप तथा विदेशी मामलों के मंत्री ज्यां-य्वेस ले ड्रियन की पाकिस्तानी समकक्ष से फोन पर हुई बातचीत के बाद फ्रांसीसी प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर बताया, "दोनों मंत्रियों ने जम्मू एवं कश्मीर के हालात का मुद्दा उठाया... ज्यां-य्वेस ले ड्रियन ने कश्मीर को लेकर फ्रांस का सतत रुख याद दिलाया कि यह दोनों देशों (भारत तथा पाकिस्तान) पर निर्भर करता है कि द्विपक्षीय राजनैतिक वार्ता के दायरे में रहकर इस विवाद को हल किया जाए, ताकि स्थायी शांति कायम हो सके..."
बयान में कहा गया, "फ्रांस दोनों पक्षों (भारत तथा पाकिस्तान) से आह्वान करता है कि वे संयम बरतें, सैन्य गतिविधियां कम करें, तथा स्थिति को सामान्य बनाएं... तनाव बढ़ा सकने वाले कदमों से दूर रहना आवश्यक है..."
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वहीं, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले को बाग्लादेश ने भारत का आंतरिक मामला बताया है. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा है, "बांग्लादेश इस बात पर कायम है कि भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाया जाना भारत का आंतरिक मामला है... बांग्लादेश ने सिद्धांत के तौर पर हमेशा इस वात की वकालत की है कि क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता बनाए रखना तथा विकास सभी देशों की प्राथमिकता होना चाहिए..." जहां पड़ोसी देश बांग्लादेश इस फैसले को भारत का आंतरिक मामला करार दे रहा है, वहीं पाकिस्तान इसका विरोध कर रहा है. पाकिस्तान सरकार ने कहा कि वह इस मामले को आईसीजे लेकर जाएंगे. चीन भी इसका विरोध कर रहा है, चीन इस मामले को यूएनएससी लेकर गया था. लेकिन वहां पर यूएनएससी के सदस्यों ने भारत के समर्थन में बात कही.
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बता दें, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले के खिलाफ पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) में अपील करने का फैसला किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने एक पाकिस्तानी चैनल से कहा कि हमनें कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में ले जाने का फैसला किया है. हमनें यह फैसला सभी कानूनी पक्षों को ध्यान में रखते हुए किया है. बता दें, भारत द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर पाकिस्तान पिछले सप्ताह ही यूएनएससी गया था. काउंसिल के सदस्यों ने भारत के पक्ष का समर्थन करते हुए कहा था कि यह द्विपक्षीय मसला है.
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से टकराव का मुद्दा रहे कश्मीर की 'विस्फोटक' स्थिति पर एक बार फिर मध्यस्थता की पेशकश की है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष सप्ताहांत में यह मुद्दा उठायेंगे. अमेरिका ने पीएम नरेंद्र मोदी से कश्मीर में तनाव कम करने के लिये कदम उठाने का अनुरोध किया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, "कश्मीर बेहद जटिल जगह है. यहां हिंदू हैं और मुसलमान भी और मैं नहीं कहूंगा कि उनके बीच काफी मेलजोल है." उन्होंने कहा, "मध्यस्थता के लिये जो भी बेहतर हो सकेगा, मैं वो करूंगा."
VIDEO: कश्मीर मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप ने फिर की मध्यस्थता की पेशकश
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