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This Article is From Jul 30, 2021

Pegasus जासूसी:  पत्रकारों के फोन हैक करने पर फ्रांसीसी एजेंसी ने लगाई मुहर, बनी विश्व की पहली सरकारी एजेंसी

भारत सरकार ने ऐसे किसी तरह के जासूसी घोटाले को खारिज किया है. इसके साथ ही सरकार ने सरकार के अंदर और सरकारी एजेंसियों के अंदर भी स्पाइवेयर के इस्तेमाल की जांच की मांग को खारिज कर दिया है. हालांकि, इस विवाद ने फ्रांस में बहुत मजबूत कार्रवाई को उकसाया है, जहां राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन जासूसी कांड के संभावित लक्ष्यों में से एक थे.

Pegasus जासूसी:  पत्रकारों के फोन हैक करने पर फ्रांसीसी एजेंसी ने लगाई मुहर, बनी विश्व की पहली सरकारी एजेंसी
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन पेगासस जासूसी कांड के संभावित लक्ष्यों में से एक थे. (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली:

फ्रांस की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ANSSI ने देश की ऑनलाइन खोजी पत्रिका मीडियापार्ट के दो पत्रकारों के फोन पर पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus Spyware) की मौजूदगी की पुष्टि की है. प्रकाशन ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. किसी सरकारी एजेंसी द्वारा वैश्विक स्नूपिंग घोटाले की दुनियाभर में यह पहली पुष्टि है.

मीडियापार्ट ने बताया, "ANSSI द्वारा की गई स्टडी रिपोर्ट एमनेस्टी इंटरनेशनल की सिक्योरिटी लैब के निष्कर्षों के समान ही है, जिसमें पेगासस द्वारा जासूसी की वास्तविकता, इसके तौर-तरीकों, तिथियों और अवधि के बारे में उल्लेख किया गया है." 

मीडियापार्ट उन 17 अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों में शामिल है जो इस जांच को प्रकाशित कर रहे हैं. इनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली स्पाइवेयर का इस्तेमाल मैलवेयर का उपयोग करके स्मार्टफोन को हैक करने के लिए किया गया. यह स्पाइवेयर फोन के मैसेज पढ़ने, कॉल रिकॉर्ड करने और माइक्रोफ़ोन को गुप्त रूप से सक्रिय करने में सक्षम बनाता है.

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भारत में इस साजिश का उद्घाटन करने वाले अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ का भारतीय मीडिया आउटलेट  'द वायर' के अनुसार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी जैसे विपक्षी नेताओं, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों, मंत्रियों और पत्रकारों  के फोन पेगासस जासूसी के संभावित लक्ष्य थे. इस विवाद ने विपक्ष द्वारा सरकार पर आक्रामक हमलों को हवा दी है और संसद को गतिरोध में ला दिया है.

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इधर, भारत सरकार ने ऐसे किसी तरह के जासूसी घोटाले को खारिज किया है. इसके साथ ही सरकार ने सरकार के अंदर और सरकारी एजेंसियों के अंदर भी स्पाइवेयर के इस्तेमाल की जांच की मांग को खारिज कर दिया है. हालांकि, इस विवाद ने फ्रांस में बहुत मजबूत कार्रवाई को उकसाया है, जहां राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन जासूसी कांड के संभावित लक्ष्यों में से एक थे.

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