नई दिल्ली:
भारतीय दंत चिकित्सक सविता हल्लपानवार के मामले में पहली बार भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने सविता के पति प्रवीण हल्लपानवार से भेंट की है।
एनडीटीवी के सूत्रों ने बताया है कि विदेश मंत्रालय ने प्रवीण को सांत्वना देने के साथ ही आयरिश सरकार के प्रतिनिधियों से दिल्ली और डबलिन में हुई बातचीत का ब्योरा दिया है।
बता दें कि शनिवार की शाम आयरलैंड में भारतीय राजदूत देबाशीष चक्रवर्ती ने आयरलैंड के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ईमॉन गिलमोर से मुलाकात मामले की गंभीरता पर बात की है।
प्रवीण को बताया गया है कि भारत के विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद पूरे मामले पर निगाह रखे हुए हैं। साथ ही खुर्शीद ने निर्देश दिया है कि प्रवीण से भारतीय राजदूत मुलाका करते रहें और पूरे मामले में हो रही प्रगति की जानकारी देते रहें।
गौरतलब है कि सविता हल्लपानवार (31 वर्ष) की आयरलैण्ड में उस समय रक्त विषाक्तता के कारण मौत हो गई थी जब डॉक्टरों ने 17 सप्ताह के गर्भ को यह कहते हुए समाप्त करने से मना कर दिया था कि ‘यह कैथोलिक देश है।’’ अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि आयरलैण्ड के अधिकारियों ने दो जांच के आदेश दिए है। हम इनके परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं और वहां से रिपोर्ट प्राप्त करेंगे।’’
सविता के पति और बोस्टन साइंटिफिक में इंजीनियर प्रवीण ने आयरलैण्ड की मीडिया को बताया था कि उनकी पत्नी ने तीन दिनों में कई बार गर्भपात का आग्रह किया। लेकिन इससे इनकार कर दिया गया क्योंकि भ्रूण की दिल की धड़कन चल रही थी।
बाद में मृत भ्रूण को निकाला गया और सविता को आपात चिकित्सा कक्ष में भर्ती किया गया जहां 28 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई।
एनडीटीवी के सूत्रों ने बताया है कि विदेश मंत्रालय ने प्रवीण को सांत्वना देने के साथ ही आयरिश सरकार के प्रतिनिधियों से दिल्ली और डबलिन में हुई बातचीत का ब्योरा दिया है।
बता दें कि शनिवार की शाम आयरलैंड में भारतीय राजदूत देबाशीष चक्रवर्ती ने आयरलैंड के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ईमॉन गिलमोर से मुलाकात मामले की गंभीरता पर बात की है।
प्रवीण को बताया गया है कि भारत के विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद पूरे मामले पर निगाह रखे हुए हैं। साथ ही खुर्शीद ने निर्देश दिया है कि प्रवीण से भारतीय राजदूत मुलाका करते रहें और पूरे मामले में हो रही प्रगति की जानकारी देते रहें।
गौरतलब है कि सविता हल्लपानवार (31 वर्ष) की आयरलैण्ड में उस समय रक्त विषाक्तता के कारण मौत हो गई थी जब डॉक्टरों ने 17 सप्ताह के गर्भ को यह कहते हुए समाप्त करने से मना कर दिया था कि ‘यह कैथोलिक देश है।’’ अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि आयरलैण्ड के अधिकारियों ने दो जांच के आदेश दिए है। हम इनके परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं और वहां से रिपोर्ट प्राप्त करेंगे।’’
सविता के पति और बोस्टन साइंटिफिक में इंजीनियर प्रवीण ने आयरलैण्ड की मीडिया को बताया था कि उनकी पत्नी ने तीन दिनों में कई बार गर्भपात का आग्रह किया। लेकिन इससे इनकार कर दिया गया क्योंकि भ्रूण की दिल की धड़कन चल रही थी।
बाद में मृत भ्रूण को निकाला गया और सविता को आपात चिकित्सा कक्ष में भर्ती किया गया जहां 28 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं