ईधी फाउंडेशन के सदस्यों के साथ गीता (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के एक अखबार ने बुधवार को लिखा कि यह महज कुछ समय की बात है जब मूक बधिर भारतीय युवती 'गीता को भुला दिया जाएगा और हम फिर अपने चिर-परिचित जहरीले खोल में सिमट जाएंगे।'
द नेशन ने 'गीता सेज फेयरवेल' शीर्षक से अपने संपादकीय में गीता के भटक कर पाकिस्तान आने, यहां कराची में ईदी फाउंडेशन की देखरेख में रहने और फिर वापस भारत जाने का वर्णन किया है।
अखबार ने लिखा है कि गीता की देखभाल के प्रति अपनी कृतज्ञता जताने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईदी फाउंडेशन को एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया।
अखबार लिखता है, "लेकिन, मानवतावादी संगठन ने विनम्रता से यह कहते हुए धन लेने से मना कर दिया कि वह किसी सरकार से चंदा नहीं लेता। यह पाकिस्तान के सुरक्षा संचालकों के लिए राहत बनकर आया होगा कि ईदी फाउंडेशन ने पैसा नहीं लिया, नहीं तो एक और बड़ी बहस शुरू हो जाती जो विचारों को भारत बनाम पाकिस्तान के नाम पर और बांट देती।"
अखबार का कहना है कि पाकिस्तान के प्रति जताई गई हार्दिक सदिच्छाओं को अस्थाई ही माना जा सकता है। अखबार ने पूछा, "शायद मोदी अपनी छवि को वैश्विक स्तर पर मुलायम बनाने की कोशिश कर रहे हैं? "
अखबार ने दोनों देशों के बीच संघर्षविराम उल्लंघन, भारत द्वारा पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप और पाकिस्तान द्वारा भारत पर अपने यहां आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप का जिक्र किया।
अखबार ने लिखा है, "यह बस समय की बात है जब हम गीता को भूल जाएंगे। इसके बाद हम फिर अपने जाने-पहचाने जहरीले खोल को ओढ़ लेंगे।"
द नेशन ने 'गीता सेज फेयरवेल' शीर्षक से अपने संपादकीय में गीता के भटक कर पाकिस्तान आने, यहां कराची में ईदी फाउंडेशन की देखरेख में रहने और फिर वापस भारत जाने का वर्णन किया है।
अखबार ने लिखा है कि गीता की देखभाल के प्रति अपनी कृतज्ञता जताने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईदी फाउंडेशन को एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया।
अखबार लिखता है, "लेकिन, मानवतावादी संगठन ने विनम्रता से यह कहते हुए धन लेने से मना कर दिया कि वह किसी सरकार से चंदा नहीं लेता। यह पाकिस्तान के सुरक्षा संचालकों के लिए राहत बनकर आया होगा कि ईदी फाउंडेशन ने पैसा नहीं लिया, नहीं तो एक और बड़ी बहस शुरू हो जाती जो विचारों को भारत बनाम पाकिस्तान के नाम पर और बांट देती।"
अखबार का कहना है कि पाकिस्तान के प्रति जताई गई हार्दिक सदिच्छाओं को अस्थाई ही माना जा सकता है। अखबार ने पूछा, "शायद मोदी अपनी छवि को वैश्विक स्तर पर मुलायम बनाने की कोशिश कर रहे हैं? "
अखबार ने दोनों देशों के बीच संघर्षविराम उल्लंघन, भारत द्वारा पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप और पाकिस्तान द्वारा भारत पर अपने यहां आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप का जिक्र किया।
अखबार ने लिखा है, "यह बस समय की बात है जब हम गीता को भूल जाएंगे। इसके बाद हम फिर अपने जाने-पहचाने जहरीले खोल को ओढ़ लेंगे।"
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