पाकिस्तान के पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने पेशावर स्कूल हमले के मद्देनजर संदिग्ध आतंकवादियों पर मुकदमा चलाने के लिए सैन्य अदालतों के गठन को मंगलवार को 'असंवैधानिक' करार दिया।
इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी ने कहा, 'सैन्य अदालतें गैर कानूनी और असंवैधानिक हैं। संविधान का मूल ढांचा एक स्वतंत्र न्यायपालिका की गारंटी प्रदान करता है और एक स्वतंत्र न्यायपालिका के रहते सैन्य अदालतें गठित नहीं की जा सकतीं।'
पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा पद से हटाए जाने के बाद पूर्व प्रधान न्यायाधीश चौधरी को 2008 में पद पर पुन: बहाल किया गया था। उन्होंने उन लापता लोगों के मामले उठाए थे जिनमें आईएसआई संलिप्त थी। उन पर 'सेना विरोधी जज' का लेबल लगा दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 1999 में सैन्य अदालतों के गठन को असंवैधानिक और गैर कानूनी करार दिया था। चौधरी ने इसके साथ ही कहा, 'कोई भी ऐसा संशोधन या कानून नहीं बनाया जा सकता जो देश के संविधान के मूल आधार को ही चुनौती देता हो।' पेशावर में एक सैन्य स्कूल पर तालिबान के नृशंस हमले के बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संदिग्ध आतंकवादियों पर मुकदमा चलाने के लिए सैन्य अदालतों का गठन करने के प्रस्ताव पर सहमति जतायी थी।
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