विज्ञापन
This Article is From Aug 27, 2021

एक साल तक कोविड मरीजों को हो सकती है सांस लेने में दिक्कतें और थकान : नई स्टडी रिपोर्ट

मध्य चीनी शहर वुहान में पिछले साल जनवरी से मई के बीच कोविड की वजह से अस्पतालों में भर्ती लगभग 1,300 लोगों पर यह अध्ययन किया गया है.  वुहान इस महामारी से प्रभावित पहला शहर है, जहां से निकले वायरस ने दुनिया भर में 21.4 करोड़ लोगों को संक्रमित किया है, जिसमें 40 लाख से अधिक लोग मारे गए हैं.

एक साल तक कोविड मरीजों को हो सकती है सांस लेने में दिक्कतें और थकान : नई स्टडी रिपोर्ट
थकान और सांस की तकलीफ अभी भी कई कोविड रोगियों को परेशान कर रही है. (सांकेतिक तस्वीर)
पेरिस (फ्रांस):

कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों की बेहतर परख के लिए किए गए एक नए चीनी अध्ययन के अनुसार, कोविड -19 के लिए अस्पताल में भर्ती होने के एक साल बाद भी मरीजों को थकान और सांस की तकलीफ (Fatigue and Shortness Of Breath)  की परेशानी झेलनी पड़ सकती है.

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल 'द लैंसेट फ्राइडे' में प्रकाशित एक स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड के बाद अस्पताल से छुट्टी पाने वाले लगभग आधे मरीज अभी भी कम से कम एक लक्षण से लगातार पीड़ित हैं. उनमें 12 महीने के बाद भी सबसे ज्यादा थकान या मांसपेशियों में कमजोरी की समस्या देखने को मिल रही है.

"लॉन्ग कोविड" के रूप में जानी जाने वाली स्थिति पर अब तक के सबसे बड़े शोध में कहा गया है कि डायग्नोसिस के एक साल बाद भी तीन में से एक रोगी में सांस की तकलीफ पाई गई है. स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, गंभीर रूप से बीमार रोगियों में यह संख्या और भी अधिक देखी गई है.

Coronavirus India Live Updates: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के 5108 नए मामले, 159 और मरीजों की मौत

'द लैंसेट' ने स्टडी रिपोर्ट के साथ प्रकाशित संपादकीय में कहा, "बिना किसी सिद्ध उपचार या पुनर्वास मार्गदर्शन के लंबे समय तक कोविड लोगों की सामान्य जीवन को फिर से शुरू करने और काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है." संपादकीय में कहा गया है, "अध्ययन से पता चलता है कि कई रोगियों को कोविड -19 से पूरी तरह से ठीक होने में 1 वर्ष से अधिक समय लग सकता है."

मध्य चीनी शहर वुहान में पिछले साल जनवरी से मई के बीच कोविड की वजह से अस्पतालों में भर्ती लगभग 1,300 लोगों पर यह अध्ययन किया गया है.  वुहान इस महामारी से प्रभावित पहला शहर है, जहां से निकले वायरस ने दुनिया भर में 21.4 करोड़ लोगों को संक्रमित किया है, जिसमें 40 लाख से अधिक लोग मारे गए हैं.

स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम एक लक्षण वाले रोगियों की हिस्सेदारी छह महीने के बाद 68 प्रतिशत से घटकर 49 प्रतिशत हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि छह महीने के बाद 26 प्रतिशत रोगियों को सांस लेने में तकलीफ थी जो 12 महीने के बाद बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com