न्यूयॉर्क:
भारतीय मूल के प्रख्यात अमेरिकी पत्रकार और लेखक फरीद जकारिया को उनके नियोक्ता सीएनएन और टाइम पत्रिका ने निलंबित कर दिया है। जकारिया द्वारा साहित्यिक चोरी करने और नैतिक आचार में खामियां स्वीकार करने के बाद उन्हें निलंबित किया गया है।
जकारिया ने स्वीकार किया कि टाइम पत्रिका में हथियार नियंत्रण पर लिखे एक लेख में उन्होंने न्यूयॉर्क की एक पत्रिका से सामग्री चोरी की थी, जिसके बाद उन्हें सीएनएन और टाइम पत्रिका ने निलंबित कर दिया। उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने भयावह गलती की और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अमेरिकी इतिहास के प्रोफेसर जिल लेपोर के लेख का एक पैरा लेना नैतिक खामी है।
याले और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले जकारिया ने हथियार नियंत्रण पर एक स्तंभ लिखा था, जो टाइम पत्रिका के 20 अगस्त के अंक में छपा। टाइम ने कहा कि जकारिया के स्तंभ को एक महीने के लिए रोका जा रहा है और इसकी समीक्षा हो रही है।
पत्रिका के प्रवक्ता अली जेलेंको ने कहा, टाइम फरीद के माफीनामे को स्वीकार करता है, लेकिन उन्होंने जो किया, वह स्तंभकारों के लिए हमारे मापदंड का उल्लंघन है। उनका काम न केवल तथ्यात्मक होना चाहिए, बल्कि मौलिक भी होना चाहिए। उनके विचार न केवल उनके अपने होने चाहिए, बल्कि उनके शब्द भी अपने होने चाहिए। टाइम ने कहा, परिणामस्वरूप हम फरीद के स्तंभ को एक महीने के लिए रोक रहे हैं और आगे की समीक्षा जारी है।
जकारिया ने स्वीकार किया कि टाइम पत्रिका में हथियार नियंत्रण पर लिखे एक लेख में उन्होंने न्यूयॉर्क की एक पत्रिका से सामग्री चोरी की थी, जिसके बाद उन्हें सीएनएन और टाइम पत्रिका ने निलंबित कर दिया। उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने भयावह गलती की और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अमेरिकी इतिहास के प्रोफेसर जिल लेपोर के लेख का एक पैरा लेना नैतिक खामी है।
याले और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले जकारिया ने हथियार नियंत्रण पर एक स्तंभ लिखा था, जो टाइम पत्रिका के 20 अगस्त के अंक में छपा। टाइम ने कहा कि जकारिया के स्तंभ को एक महीने के लिए रोका जा रहा है और इसकी समीक्षा हो रही है।
पत्रिका के प्रवक्ता अली जेलेंको ने कहा, टाइम फरीद के माफीनामे को स्वीकार करता है, लेकिन उन्होंने जो किया, वह स्तंभकारों के लिए हमारे मापदंड का उल्लंघन है। उनका काम न केवल तथ्यात्मक होना चाहिए, बल्कि मौलिक भी होना चाहिए। उनके विचार न केवल उनके अपने होने चाहिए, बल्कि उनके शब्द भी अपने होने चाहिए। टाइम ने कहा, परिणामस्वरूप हम फरीद के स्तंभ को एक महीने के लिए रोक रहे हैं और आगे की समीक्षा जारी है।
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