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This Article is From Apr 27, 2013

प्रचंड का 'त्रिपक्षीय सहयोग' पर रहेगा जोर

प्रचंड का 'त्रिपक्षीय सहयोग' पर रहेगा जोर
काठमांडू/नई दिल्ली: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' अपने चार दिवसीय भारत दौरे पर शनिवार को राजधानी दिल्ली पहुंच रहे हैं। एकीकृत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के प्रमुख प्रचंड के इस दौरे को दोनों देशों के बीच रिश्ते की गर्माहट के लिहाज से अहम माना जा रहा है।

प्रचंड का दौरा दोनों पक्षों के बीच अविश्वास और संदेह की खाई को कम करने में मददगार हो सकता है। यह उनका तीसरा भारतीय दौरा होगा। प्रचंड ने पहला भारतीय दौरा नेपाल के पहले चुने हुए प्रधानमंत्री के तौर पर सितंबर 2008 में किया था।

उम्मीद की जा रही है कि प्रचंड चीन, नेपाल और भारत के बीच त्रिपक्षीय सहयोग कायम करने के मुद्दे को उठाएंगे। ताकि दोनों मजबूत पड़ोसियों की सुरक्षा चिंताओं को दूर किया जा सके।

गौरतलब है कि नेपाल में शुक्रवार को भृकुटिमंडप में एक पार्टी आयोजन को संबोधित करते हुए प्रचंड ने कहा, "हम चीन और भारत की सुरक्षा चिंताओं को दूर नहीं कर सकते हैं जब तक कि नेपाल विकसित नहीं हो जाता है।" प्रचंड 27 से 30 अप्रैल तक भारत दौरे पर रहेंगे।

भारत सरकार के एक सूत्र ने बताया, "दौरे के दौरान उनकी वरिष्ठ सरकारी पदाधिकारियों और इसके इतर राजनीतिक शख्सियतों से मुलाकात की उम्मीद है। दहाल के दौरे के दौरान भारत-नेपाल के बीच व्यापार को विस्तार, आर्थिक सहयोग और हमारे द्विपक्षीय साझीदारी के विकास की संभावनाएं तलाशने के क्रम में ऊर्जा के क्षेत्र में परियोजनाओं, सूचना-प्रौद्योगिकी और पर्यटन के मुद्दे पर बातचीत संभावित है।"

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