पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के हाल में हुए संगठनात्मक चुनावों में धांधली का आरोप लगाकर चुनौती देने वाली एक याचिका पर उसे शुक्रवार को नोटिस जारी किया. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने दो दिसंबर को आंतरिक चुनाव कराए थे. इससे पहले ईसीपी ने कहा था कि अगर पार्टी चुनाव चिन्ह के तौर पर ‘बल्ले' पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है तो वह पार्टी अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को चुनने के लिए चुनाव कराए.
उसी दिन, पार्टी ने घोषणा की कि उसने इमरान खान के उम्मीदवार बैरिस्टर गौहर खान को पार्टी का अध्यक्ष चुना है. हालांकि, इसके संस्थापक सदस्यों में शुमार अकबर एस बाबर ने ईसीपी में एक याचिका दायर की, जिसमें नए संगठनात्मक चुनावों में 'धांधली और धोखाधड़ी' का आरोप लगाया गया है. उनके कुछ सालों से पार्टी के साथ मतभेद हैं.
पीटीआई के कम से कम 13 अन्य सदस्य भी चुनाव को चुनौती देने में बाबर के साथ हो गए. याचिका में सदस्यों ने कहा कि चुनाव से पहले मतदाता सूची भी जारी नहीं की गई. वहीं, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सहित देश के मुख्यधारा के दलों ने भी पीटीआई के आंतरिक चुनावों की वैधता पर सवाल उठाया.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय आयोग ने याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद, ईसीपी ने पीटीआई को नोटिस जारी कर याचिकाओं में उठाई गई आपत्तियों पर उसका जवाब मांगा. आयोग ने सुनवाई 12 दिसंबर तक स्थगित कर दी.
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