तुर्की और सीरिया में 15,000 से ज़्यादा जानें लील लेने वाले भीषण भूकंप के चलते पूरी की पूरी बस्तियां खंडहर हो गई हैं, और बड़े-बड़े शहर मलबे के ढेर में तब्दील हो गए हैं. सैटेलाइट से हासिल तस्वीरों में देखा जा सकता है कि दक्षिणी हिस्से के अन्ताक्या और काहरामनमारस सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में शामिल हैं, जहां ढेरों ऊंची-ऊंची इमारतें ज़मीन्दोज़ हो गईं.
सैटेलाइट तस्वीरों से यह भी दिखाई देता है कि खुले इलाकों और स्टेडियमों में सैकड़ों एमरजेंसी शेल्टर बनाए गए हैं, ताकि राहत कार्यों में तेज़ी आ सके.
तुर्की के लगभग 20 लाख की आबादी वाले ग़ाज़ियानटेप शहर में सोमवार को पहला भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.8 थी, और उसके बाद 7.5 तीव्रता वाला एक औ भूकंप और कई छोटे-छोटे भूकंप महसूस किए गए. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ डेनमार्क एंड ग्रीनलैंड के मुताबिक, भूकंप के झटके ग्रीनलैंड तक भी महसूस किए गए.
सबसे ज़्यादा तबाही काहरामनमारस और ग़ाज़ियानटेप के बीच मौजूद पट्टी पर हुई, और यहां समूची बस्तियां मलबे के ढेर में तब्दील हो गईं. तुर्की के मुताबिक, सात प्रांतों में लगभग 3,000 से ज़्यादा इमारतें ढह गई हैं, जिनमें सरकारी अस्पताल भी शामिल हैं. 13वीं सदी की एक ऐतिहासिक मस्जिद भी आंशिक रूप से ढह गई है.
भूकंप में मरने वालों की तादाद 15,383 तक पहुंच गई है, जिनमें 12,391 लोगों की जान तुर्की में गई है, जबकि युद्ध की विभीषिका झेल चुके सीरिया में 2,992 लोगों की मौत हुई है. मरने वालों की तादाद बढ़ने की आशंका है, क्योंकि राहत कार्य अब तक जारी हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization या WHO) के मुताबिक, इस भूकंप के चलते दो करोड़ 30 लाख लोगों के प्रभावित होने की आशंका है. WHO ने यह भी बताया कि प्रभावित इलाकों में 77 राष्ट्रीय तथा 13 अंतरराष्ट्रीय एमरजेंसी मेडिकल टीमें तैनात की जा रही हैं.
भारत ने भी तुर्की तथा सीरिया में कई टन राहत सामग्री भेजी है.
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