असोसिएटेड प्रेस ने एक दस्तावेज का मसविदा प्राप्त किया है, जो कहता है कि किसी देश की नागरिकता के अमेरिका के समक्ष आतंकी खतरों का संकेतक बनने की संभावना बेहद कम है.
वाशिंगटन:
गृह सुरक्षा विभाग की खुफिया इकाई के विश्लेषकों को इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाए हैं कि जिन सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों की यात्रा पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिबंध लगाया गया है, वे अमेरिका के लिए आतंकी खतरा पैदा करते हैं.
असोसिएटेड प्रेस ने एक दस्तावेज का मसविदा प्राप्त किया है, जो कहता है कि किसी देश की नागरिकता के अमेरिका के समक्ष आतंकी खतरों का संकेतक बनने की संभावना बेहद कम है. इसमें कहा गया है कि ट्रंप ने जिन देशों को अपने यात्रा प्रतिबंध की सूची में डाला है, वहां के कुछ ही लोग वर्ष 2011 में सीरिया के गृहयुद्ध की शुरुआत के बाद से अमेरिका में आतंकवाद संबंधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं.
जनवरी के अंत में जब ट्रंप ने इस अस्थायी यात्रा प्रतिबंध की व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए थे, तब उन्होंने अपनी प्रमुख चिंता आतंकवाद को बताया था. इस प्रतिबंध के साथ ही अमेरिकी शरणार्थी कार्यक्रम भी बंद हो गया था.
वाशिंगटन राज्य के एक संघीय न्यायाधीश ने सरकार को इस आदेश का पालन करने से इस माह रोक दिया था. ट्रंप ने शुक्रवार को कहा था कि नया आदेश जल्दी ही लाया जाएगा. अब प्रशासन एक नए आदेश पर काम कर रहा है ताकि कानूनी चुनौतियों से निपटा जा सके.
गृह सुरक्षा विभाग की प्रवक्ता गिलियान क्रिस्टीनसेन ने इस रिपोर्ट की सत्यता पर संदेह नहीं जताया, लेकिन यह जरूर कहा कि यह सरकार के खुफिया विभाग की कोई अंतिम समग्र समीक्षा नहीं है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
असोसिएटेड प्रेस ने एक दस्तावेज का मसविदा प्राप्त किया है, जो कहता है कि किसी देश की नागरिकता के अमेरिका के समक्ष आतंकी खतरों का संकेतक बनने की संभावना बेहद कम है. इसमें कहा गया है कि ट्रंप ने जिन देशों को अपने यात्रा प्रतिबंध की सूची में डाला है, वहां के कुछ ही लोग वर्ष 2011 में सीरिया के गृहयुद्ध की शुरुआत के बाद से अमेरिका में आतंकवाद संबंधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं.
जनवरी के अंत में जब ट्रंप ने इस अस्थायी यात्रा प्रतिबंध की व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए थे, तब उन्होंने अपनी प्रमुख चिंता आतंकवाद को बताया था. इस प्रतिबंध के साथ ही अमेरिकी शरणार्थी कार्यक्रम भी बंद हो गया था.
वाशिंगटन राज्य के एक संघीय न्यायाधीश ने सरकार को इस आदेश का पालन करने से इस माह रोक दिया था. ट्रंप ने शुक्रवार को कहा था कि नया आदेश जल्दी ही लाया जाएगा. अब प्रशासन एक नए आदेश पर काम कर रहा है ताकि कानूनी चुनौतियों से निपटा जा सके.
गृह सुरक्षा विभाग की प्रवक्ता गिलियान क्रिस्टीनसेन ने इस रिपोर्ट की सत्यता पर संदेह नहीं जताया, लेकिन यह जरूर कहा कि यह सरकार के खुफिया विभाग की कोई अंतिम समग्र समीक्षा नहीं है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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