प्रतीकात्मक तस्वीर
वाशिंगटन:
अमेरिका के स्कूलों में गोलीबारी की बार-बार होने वाली घटनाओं को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से गठित सुरक्षा पैनल ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कई सुझाव दिए हैं. इनमें स्कूल स्टाफ को हथियारों से लैस करने, सेवानिवृत्त सैनिकों को गार्ड के तौर पर रखने और ओबामा प्रशासन के दिशा-निर्देशों को पलटने जैसी सिफारिश शामिल हैं. शिक्षा मंत्री बेस्टी डेवोस के नेतृत्व में फरवरी में पार्कलैंड, फ्लोरिडा हिंसा की घटना के बाद इस संघीय आयोग का गठन किया गया था, जिसमें एक पूर्व छात्र द्वारा की गई गोलीबारी में 17 लोगों की मौत हो गई थी.
अमेरिका: टेक्सास के एक स्कूल में गोलीबारी, 8 लोगों की मौत, ट्रंप ने जताई चिंता
इस घटना के बाद से बंदूक रखने की संस्कृति पर नियंत्रण के लिए प्रदर्शन हुए थे. आयोग ने बंदूक खरीदने के लिये न्यूनतम आयु को बढ़ाने से इनकार करते हुए 180 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में दलील दी कि स्कूल में गोलीबारी करने वाले ज्यादातर छात्र अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों की बंदूक का इस्तेमाल करते हैं. आयोग ने सिफारिश की कि सेना और पुलिस के पूर्व अधिकारियों को शिक्षक के तौर पर भर्ती करना एक अच्छा कदम साबित हो सकता है.
अमेरिका: मैरीलैंड हाईस्कूल में गोलीबारी, कोई हताहत नहीं
रिपोर्ट में पूर्व राष्ट्रपति ओबामा की ओर से वर्ष 2014 में पेश उन दिशा-निर्देशों की समीक्षा की भी सिफारिश की गई है, जिसमें अश्वेत और लातिन अमेरिकी छात्रों के साथ भेदभाव रोकने के लिये विकल्प तलाशने का सुझाव दिया गया था. आयोग का कहना है कि इस कदम से स्कूलों में अनुशासन और सुरक्षा पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. अमेरिकी समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक अप्रैल 1999 में कोलंबियन हाईस्कूल में हुए कत्लेआम के बाद से अब तक 2,19,000 छात्र गोलीबारी की घटनाओं में शामिल पाए गए हैं.
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इस घटना के बाद से बंदूक रखने की संस्कृति पर नियंत्रण के लिए प्रदर्शन हुए थे. आयोग ने बंदूक खरीदने के लिये न्यूनतम आयु को बढ़ाने से इनकार करते हुए 180 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में दलील दी कि स्कूल में गोलीबारी करने वाले ज्यादातर छात्र अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों की बंदूक का इस्तेमाल करते हैं. आयोग ने सिफारिश की कि सेना और पुलिस के पूर्व अधिकारियों को शिक्षक के तौर पर भर्ती करना एक अच्छा कदम साबित हो सकता है.
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रिपोर्ट में पूर्व राष्ट्रपति ओबामा की ओर से वर्ष 2014 में पेश उन दिशा-निर्देशों की समीक्षा की भी सिफारिश की गई है, जिसमें अश्वेत और लातिन अमेरिकी छात्रों के साथ भेदभाव रोकने के लिये विकल्प तलाशने का सुझाव दिया गया था. आयोग का कहना है कि इस कदम से स्कूलों में अनुशासन और सुरक्षा पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. अमेरिकी समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक अप्रैल 1999 में कोलंबियन हाईस्कूल में हुए कत्लेआम के बाद से अब तक 2,19,000 छात्र गोलीबारी की घटनाओं में शामिल पाए गए हैं.
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