अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान कश्मीर को लेकर गहरे संकट में हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों के मसले को सुलझाने के लिए मैं वह सब करूंगा, जो मैं कर सकता हूं. ट्रंप ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के नेताओं से बातचीत की और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कहा.
ट्रंप (Donald Trump) ने कहा, 'मैंने भारत और पाकिस्तान से कश्मीर के बारे में बातचीत की और जो मैं मदद कर सकता हूं उसके बारे में भी चर्चा की. जो भी में कुछ सकता हूं, वह मैं करूंगा. क्योंकि अभी दोनों देश इस मुद्दे को लेकर गहरे संकट में हैं. दोनों देश ही मेरे अच्छे दोस्त हैं. दोनों परमाणु देश हैं. मैंने केवल उनसे इतना कहा कि इस मुद्दे को सुलझाएं.'
वहीं, एक अन्य खबर के मुताबिक अमेरिका के 35 सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने ट्रंप प्रशासन से कश्मीर पर द्विपक्षीय वार्ता के लिए भारत और पाकिस्तान को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया है जिससे उनके बीच तनाव कम किया जा सके. भारत सरकार द्वारा कश्मीर में पाबंदियां हटाना शुरू किये जाने की हालिया खबरों से उत्साहित अमेरिकी सांसदों ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत केली क्राफ्ट को लिखे खत में कश्मीर क्षेत्र में हाल के दिनों में हुई गतिविधियों और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई.
ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी ने की कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग, भारत ने की आलोचना
इस पत्र पर 23 सितंबर की तारीख है. पत्र में कहा गया, ‘इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बरकरार रखना वैश्विक सुरक्षा का विषय है.' पत्र पर सांसद जिम बैंक्स, ग्रेग पेंस, सुसेन वाइल्ड, डेविड ट्रोन, एरिक स्वॉलवेल, ग्वेन मूर, जूडी चू, माइक लेविन और रॉन राइट के अलावा अन्य सांसदों के भी हस्ताक्षर हैं.
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इसके अलावा ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी ने कश्मीर पर बुधवार को एक आपात प्रस्ताव पारित करते हुए पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन से अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को क्षेत्र में ‘जाने' और उसके लोगों के आत्म निर्णय के अधिकार की मांग करने के लिए कहा. भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों ने इसकी आलोचना करते हुए इसे ‘गलत विचार पर आधारित' और ‘भ्रामक जानकारी' बताया. इस बीच, भारत ने कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करने वाली ब्रिटेन की लेबर पार्टी के प्रस्ताव की आलोचना की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने लेबर पार्टी के कदम को ‘‘वोट बैंक हितों को साधने'' वाला बताया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर लेबर पार्टी या उसके प्रतिनिधियों से बातचीत करने का कोई सवाल नहीं है.
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कश्मीर पर ब्रिटिश सरकार के आधिकारिक रुख के विपरीत विपक्ष ने यह प्रस्ताव पेश किया है. ब्रिटिश सरकार का रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है.
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