
हेलसिंकी में ट्रंप ने पुतिन से मुलाकात की
- हेलसिंकी में पुतिन से मिले ट्रंप
- अमेरिकी चुनाव में रूस के हस्तक्षेप की बात को नकारा
- उन्होंने कहा कि कोई कारण नहीं है कि इसपर विश्वास किया जाए
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पुतिन के साथ बैठक करने के ट्रंप के फैसले से अमेरिका में बहुत सारे लोग बेचैन थे क्योंकि उन्हें चिंता थी कि ट्रंप पुतिन के साथ कोई बुरा सौदा ना कर लें. अमेरिकी आलोचकों ने 2016 के अमेरिकी चुनावों में रूस के कथित हस्तक्षेप की जांच में 12 रूसी सैन्य एजेंटों को अभ्यारोपित किए जाने के बाद ट्रंप से हेलसिंकी शिखर वार्ता रद्द करने की भी मांग की थी. लेकिन ट्रंप टस से मस नहीं हुए और बैठक हुई. ट्रंप ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच ‘‘ असाधारण संबंधों के निर्माण ’’ को लेकर आशान्वित हैं. दोनों नेताओं ने सीरिया, यूक्रेन से लेकर चीन और व्यापार शुल्क से लेकर अपने परमाणु आयुधों जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा की.
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फुटबॉल विश्वकप की सफल मेजबानी के लिए ट्रंप और दूसरे वैश्विक नेताओं की बधाइयों का आनंद उठा रहे पुतिन ने कहा, ‘‘ हमारे संबंधों एवं दुनिया की समस्याओं को लेकर एक मजबूत तरीके से बात करने का समय आ गया है. ’’ट्रंप ने कहा, ‘‘ बेबाकी से कहूं तो पिछले कुछ सालों से दोनों देशों के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं. और मुझे सच में लगता है कि दुनिया हमारे बीच अच्छे संबंध देखना चाहती है. हम दो बड़ी परमाणु शक्तियां हैं.’’ शिखर वार्ता शुरू होने से थोड़ी देर पहले ट्रंप से जब यह पूछा गया कि क्या वह चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप को लेकर पुतिन पर जोर डालेंगे.
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उन्होंने कहा, ‘‘ हम सहजता से बात करेंगे.’’ ट्रंप ने दिन की शुरूआत अपने पूर्ववर्तियों पर जमकर तंज कसते हुए की और कहा, “ अमेरिका की कई वर्षों की बेवकूफी और अब पीछे पड़ने के कारण रूस के साथ हमारे संबंध इस बुरे दौर तक पहुंच गए हैं.” रूस के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के ट्वीट को ना सिर्फ लाइक किया बल्कि स्पष्ट संदेश के साथ रिट्वीट किया. उसने रिट्वीट करते हुए लिखा , “ हम सहमत हैं.”
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