अमेरिका के एक शीर्ष वकील के अनुसार, उनका देश अभी तक भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के खिलाफ कथित वीजा धोखाधड़ी का मामला वापस ले सकता है हालांकि उसे न्यायपालिका के समक्ष कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
अलबामा के उत्तरी जिले के पूर्व सरकारी वकील तथा नेशनल एसोसिएशन ऑफ फार्मर यूएस अटार्नी के कोषाध्यक्ष जी डगलस जोन्स ने बताया, मुझे लगता है कि इस विशिष्ट मामले में मामला शारीरिक रूप से दुर्व्यहार का नहीं, बल्कि कम वेतन का अधिक है। मुझे लगता है कि यह मामला गंभीर अपराध की ओर बढ़ता है न कि आवश्यक रूप से घोर अपराध की ओर।
भारत ने 39 वर्षीय देवयानी की गिरफ्तारी का कड़ा विरोध करते हुए दलील दी है कि उनके खिलाफ वीजा धोखाधड़ी का आरोप इतना गंभीर नहीं है कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए। लिहाजा अमेरिका ने 1963 के वाणिज्यिक दूतावास संबंधों के बारे में वियना समझौते का उल्लंघन किया है। बहरहाल, अमेरिका ने इसे घोर अपराध करार दिया है।
जोन्स ने इस बात पर सहमति जतायी है कि वियना समझौते के तहत अपराध की व्याख्या करना एक अस्पष्ट मामला है तथा यह संबद्ध सरकार पर निर्भर करता है कि वह इसकी कैसे व्याख्या करती है।
उन्होंने कहा, कानून प्राय: लोगों की व्याख्या पर निर्भर करते हैं, जो किसी खास बिन्दु के पक्ष या खिलाफ में कानून का उपयोग करना चाहते हैं। मैं निश्चिततौर पर भारत सरकार के बिन्दु को समझ पा रहा हूं। अमेरिका के दृष्टिकोण से यह इस हद तक गंभीर अपराध है कि इसमें किसी तरह की गिरफ्तारी हो सकती है। लेकिन इस देश में यह भी याद रखना चाहिए कि अपराध का स्वरूप ही विचारणीय पक्ष होता है। उन्होंने यह भी कहा कि देवयानी की देश से बाहर चले जाने का जोखिम भी उसकी गिरफ्तारी का कारण हो सकता है।
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