
अमेरिका ने भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े से संबंधित मुद्दे के समाधान की उम्मीद व्यक्त की है, जिससे भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में ‘अड़चन’ आ गई है।
विदेश विभाग की उप-प्रवक्ता मेरी हर्फ ने सोमवार को अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में इस मुद्दे के समाधान की आशा जताई।
यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका को मुद्दे के सुलझने की उम्मीद है, हर्फ ने कहा, निश्चित तौर पर। भारत की तरफ से और कड़ा रुख अपनाए जाने के बाद अमेरिका की यह प्रतिक्रिया सामने आई है।
संयुक्त सचिव (अमेरिका मामले) विक्रम दुरईस्वामी ने अमेरिकी राजदूत नैंसी पॉवेल को सोमवार को नई दिल्ली में भारत के कड़े रुख से अवगत कराया। पॉवेल ने साउथ ब्लॉक में दुरईस्वामी से मुलाकात की थी।
अमेरिकी अधिकारियों के यह कहने के साथ ही कि कानून अपना काम करेगा, अमेरिका और भारतीय अधिकारियों का मानना है कि इस मुद्दे के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए राजनयिक और न्यायिक दोनों स्तर पर काम करना है।
हर्फ ने कहा कि अमेरिका नहीं चाहता है कि वीजा धोखाधड़ी के मामले में पिछले महीने न्यूयार्क में गिरफ्तार भारतीय राजनयिक के मुद्दे पर भारत-अमेरिका संबंध प्रभावित हों।
भारत ने अमेरिका से माफी मांगने और देवयानी पर लगाए गए आरोपों को वापस लेने की मांग की है। हालांकि, अमेरिका ने जोर देकर कहा है कि यह एक अलग मामला है।
हर्फ ने कहा, अगर आप पूरे क्षेत्र की ओर देखते हैं, अगर आप अफगानिस्तान को देखते हैं, अगर आप ऊर्जा, आर्थिक मुद्दों पर नजर डालते हैं, हम लोग एक साथ इस पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, और वे बहुत महत्वपूर्ण है तथा इस घटना से इन चीजों को पटरी से नहीं उतारा जा सकता। यही कारण है कि हम लोग एक बार फिर से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं। हम लोग इस मामले को एक ओर रख कर आगे बढ़ रहे हैं।
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