लाहौर:
पाकिस्तान में जमात-उद-दावा और कई अन्य कट्टरपंथी संगठनों के दबाव के कारण के कारण प्रशासन ने लाहौर में एक चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
लाहौर के प्रशासन ने पिछले महीने ऐलान किया था कि शहर के शादमन चौक का नाम भगत सिंह चौक कर दिया जाए। अंग्रेजों के सामने तनकर खड़े होकर क्रांति का बिगुल बजाने वाले शहीद-ए-आजम को सम्मान देने के मकसद से यह ऐलान किया गया था।
जिला प्रशासन प्रमुख नूरुल अमीन मेंगल ने 'भगत सिंह चौक' नाम का बोर्ड नहीं लगाने पर अपने विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई थी। प्रशासन ने अब तक चौक पर बोर्ड स्थापित नहीं किया है। अधिकारियों का कहना है कि शादमन चौक का नया नाम रखने की योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
लाहौर प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, हमें जमात-उद-दावा की ओर से नाराजगी वाला एक पत्र मिला था। उसमें शादमन चौक का नाम हिन्दू स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर पर रखने को लेकर चेतावनी दी गई है। हमें कुछ और लोगों की ओर भी नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
एक अधिकारी ने कहा कि जनसुनवाई के दौरान कई लोगों ने इस चौक का नाम 'भगत सिंह चौक' करने के विचार को खारिज कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि योजना का विरोध करने वालों का विचार था कि पाकिस्तान एक मुस्लिम देश है और यहां सड़कों अथवा चौक के नाम मुसलमानों के नाम पर ही रखे जाने चाहिए।
हाल ही में जारी एक बयान में जमात-उद-दावा के अमीर हमजा ने कहा था, हम हिन्दू, सिख अथवा इसाई लोगों के नाम पर अपने यहां के स्थानों के नाम नहीं रखने देंगे।
लाहौर के प्रशासन ने पिछले महीने ऐलान किया था कि शहर के शादमन चौक का नाम भगत सिंह चौक कर दिया जाए। अंग्रेजों के सामने तनकर खड़े होकर क्रांति का बिगुल बजाने वाले शहीद-ए-आजम को सम्मान देने के मकसद से यह ऐलान किया गया था।
जिला प्रशासन प्रमुख नूरुल अमीन मेंगल ने 'भगत सिंह चौक' नाम का बोर्ड नहीं लगाने पर अपने विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई थी। प्रशासन ने अब तक चौक पर बोर्ड स्थापित नहीं किया है। अधिकारियों का कहना है कि शादमन चौक का नया नाम रखने की योजना को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
लाहौर प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, हमें जमात-उद-दावा की ओर से नाराजगी वाला एक पत्र मिला था। उसमें शादमन चौक का नाम हिन्दू स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर पर रखने को लेकर चेतावनी दी गई है। हमें कुछ और लोगों की ओर भी नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
एक अधिकारी ने कहा कि जनसुनवाई के दौरान कई लोगों ने इस चौक का नाम 'भगत सिंह चौक' करने के विचार को खारिज कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि योजना का विरोध करने वालों का विचार था कि पाकिस्तान एक मुस्लिम देश है और यहां सड़कों अथवा चौक के नाम मुसलमानों के नाम पर ही रखे जाने चाहिए।
हाल ही में जारी एक बयान में जमात-उद-दावा के अमीर हमजा ने कहा था, हम हिन्दू, सिख अथवा इसाई लोगों के नाम पर अपने यहां के स्थानों के नाम नहीं रखने देंगे।
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