प्रतीकात्मक तस्वीर
बोगोटा:
कोलंबिया ने शनिवार को घोषणा की कि देश में 2000 से अधिक गर्भवती महिलाएं जीका वायरस से संक्रमित हैं। इस वायरस से नवजात बच्चों के मस्तिष्क को नुकसान होने का संदेह है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार कोलंबिया में इस समय 2116 गर्भवती महिलाओं समेत कुल 20,297 लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। (पढ़ें- रियो ओलिंपिक पर मंडराया, जीका वायरस का खतरा)
एक अनुमान के मुताबिक जीका वायरस अगले 12 महीनों में अमेरिकी महाद्वीप में 40 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले लेगा। ब्राजील में इस वायरस के कारण अब तक 4000 बच्चे असामान्य आकार के सिर के साथ पैदा हो चुके हैं।
इस वायरस के कारण गर्भवती महिलाओं पर गंभीर खतरा है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक यह वायरस मस्तिस्क में विषमता पैदा करता है, जिसे मेडिकल शब्दों में माइक्रोसेफेली कहा जाता है। इससे नवजात बच्चों के सिर का आकार सामान्य से छोटा हो जाता है। (जीका वायरस से जुड़ी कुछ खास बातों का रखें ध्यान)
सबसे चिंता की बात यह है कि जीका वायरस से संक्रमित लोगों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते। इसके लक्षण डेंगू और चिकनगुनिया से मिलते-जुलते हैं लेकिन इसका असर काफी देरी से दिखता है। जीका वायरस का संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होता है, जो डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की तरह जमे हुए साफ पानी में पैदा होते हैं। डेंगू के मच्छर की तरह ही यह भी दिन में ही काटते हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार कोलंबिया में इस समय 2116 गर्भवती महिलाओं समेत कुल 20,297 लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। (पढ़ें- रियो ओलिंपिक पर मंडराया, जीका वायरस का खतरा)
एक अनुमान के मुताबिक जीका वायरस अगले 12 महीनों में अमेरिकी महाद्वीप में 40 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले लेगा। ब्राजील में इस वायरस के कारण अब तक 4000 बच्चे असामान्य आकार के सिर के साथ पैदा हो चुके हैं।
इस वायरस के कारण गर्भवती महिलाओं पर गंभीर खतरा है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक यह वायरस मस्तिस्क में विषमता पैदा करता है, जिसे मेडिकल शब्दों में माइक्रोसेफेली कहा जाता है। इससे नवजात बच्चों के सिर का आकार सामान्य से छोटा हो जाता है। (जीका वायरस से जुड़ी कुछ खास बातों का रखें ध्यान)
सबसे चिंता की बात यह है कि जीका वायरस से संक्रमित लोगों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते। इसके लक्षण डेंगू और चिकनगुनिया से मिलते-जुलते हैं लेकिन इसका असर काफी देरी से दिखता है। जीका वायरस का संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होता है, जो डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की तरह जमे हुए साफ पानी में पैदा होते हैं। डेंगू के मच्छर की तरह ही यह भी दिन में ही काटते हैं।
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