अमेरिका की खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलीजेंस (सीआईए) के निदेशक विलियम बर्न्स ने गुरुवार को यहां पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा एवं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के साथ बैठक की और उनके साथ क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों एवं अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की. मंगलवार को तालिबान द्वारा अंतरिम सरकार की घोषणा किये जाने के बाद यह बैठक हुई है. कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद, उनके दो उप प्रधानमंत्री समेत तालिबान के अंतरिम मंत्रिमंडल के कम से कम 14 सदस्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काली सूची में हैं .
पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) ने एक बयान में बताया कि बर्न्स और बाजवा ने परस्पर हित के मामलों, क्षेत्रीय सुरक्षा एवं अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर विचार-विमर्श किया. इस बैठक में आईएसआई प्रमुख बाजवा भी थे. आईएसपीआर ने कहा, ‘‘ यह दोहराया गया कि पाकिस्तान इस क्षेत्र में शांति और अफगान लोगों के वास्ते स्थिर एवं समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ सहयोग करने को कटिबद्ध है. ''
बर्न्स की इस्लामाबाद यात्रा से कुछ दिन पहले आईएसआई प्रमुख पिछले सप्ताह अघोषित यात्रा पर काबुल गये थे और उन्होंने तालिबान नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से भेंट की थी. अफगानिस्तान से 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना की वापसी के बाद यह किसी अमेरिकी अधिकारी की पहली उच्च स्तरीय पाकिस्तान यात्रा है. पाकिस्तान जाने से पहले बर्न्स ने अफगानिस्तान की ओर से पैदा होने वाले संभावित सुरक्षा खतरों को न्यूनतम करने के तौर तरीकों पर प्राथमिक रूप से चर्चा के लिए कथित रूप से भारत की गुप्त यात्रा की. उनके साथ कुछ अधिकारी भी थे. समझा जाता है कि बर्न्स ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सचिवालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की थी. हाालंकि इस यात्रा के संबंध में न तो भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान ने और न ही नयी दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने कोई आधिकारिक बयान जारी किया.
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