बीजिंग:
लद्दाख क्षेत्र में चीन द्वारा निर्मित कुटिया को भारतीय जवानों द्वारा हटाए जाने के कुछ दिनों बाद गुरुवार को चीन की सेना ने भारतीय सेना से कहा कि वह सीमावर्ती इलाकों में स्थिरता को प्रभावित करने वाली कोई ‘एकतरफा कार्रवाई’ नहीं करे।
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा, ‘‘भारतीय सेना की हालिया कार्रवाई दोनों पक्षों के बीच के समझौते और सहमति की भावना के अनुकूल नहीं है।’’
लद्दाख के बर्तसे इलाके की घटना
लद्दाख के बर्तसे इलाके में भारतीय सेना द्वारा निगरानी कैमरों वाली कुटिया हटाने की घटना के बाद चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से पहली बार प्रतिक्रिया आई है।
पीएलए के प्रवक्ता का बयान
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लिए नए प्रवक्ता की भूमिका निभाने वाले वू ने कहा, ‘‘भारत-चीन सीमा पर संयुक्त रूप से शांति और सौहार्द कायम रखना एक महत्वपूर्ण सहमति है जो दोनों देशों के नेतृत्व के बीच बनी है और दोनों सरकारों और सेना ने जिसका वादा किया है।’’
चीनी सेना की दो टूक बात
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीय सेना से कहते हैं कि वह उस महत्वपूर्ण सहमति का ईमानदारी से क्रियान्वयन करे और ऐसी कोई एकतरफा कार्रवाई करने से बचे जो सीमावर्ती इलाकों में हालात को प्रभावित करते हैं तथा वह चीन-भारत सीमावर्ती इलाकों में संयुक्त रूप से शांति एवं स्थिरता कायम रखने के लिए चीन की सेना के साथ मिलकर काम करे।’’
यह पूछे जाने पर कि इस घटना पर चर्चा के लिए दोनों सेना के बीच कोई बैठक हुई है तो वू ने कहा, ‘‘चीन-भारत सीमावर्ती इलाके में आमतौर पर शांति और स्थिरता कायम रहती है। दोनों पक्ष राजनयिक माध्यमों और और सीमा संबंधी व्यवस्थाओं पर संपर्क में हैं तथा संवाद कर रहे हैं।’’
चीन ने पहले नहीं दी घटना को तवज्जो
इससे पहले 14 सितंबर को चीन के विदेश मंत्रालय ने इस घटना को तवज्जो नहीं देने का प्रयास करते हुए कहा था कि सीमा पर कोई टकराव नहीं है तथा उसने इस मुद्दे पर भारत से ‘स्पष्टीकरण’ मांगा है।
सीमा पर टकराव नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने कहा, ‘‘जहां तक मैं जानता हूं सीमावर्ती इलाके में कोई टकराव नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन के सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी ओर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं।’’
चीन के सैनिकों ने अपने प्रधानमंत्री ली क्विंग के भारत दौरे के समय 2013 में डेपसांग इलाके में तंबू लगा लिए थे। इस मुद्दे को लंबे विचार-विमर्श के बाद हल किया गया था।
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा, ‘‘भारतीय सेना की हालिया कार्रवाई दोनों पक्षों के बीच के समझौते और सहमति की भावना के अनुकूल नहीं है।’’
लद्दाख के बर्तसे इलाके की घटना
लद्दाख के बर्तसे इलाके में भारतीय सेना द्वारा निगरानी कैमरों वाली कुटिया हटाने की घटना के बाद चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से पहली बार प्रतिक्रिया आई है।
पीएलए के प्रवक्ता का बयान
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लिए नए प्रवक्ता की भूमिका निभाने वाले वू ने कहा, ‘‘भारत-चीन सीमा पर संयुक्त रूप से शांति और सौहार्द कायम रखना एक महत्वपूर्ण सहमति है जो दोनों देशों के नेतृत्व के बीच बनी है और दोनों सरकारों और सेना ने जिसका वादा किया है।’’
चीनी सेना की दो टूक बात
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीय सेना से कहते हैं कि वह उस महत्वपूर्ण सहमति का ईमानदारी से क्रियान्वयन करे और ऐसी कोई एकतरफा कार्रवाई करने से बचे जो सीमावर्ती इलाकों में हालात को प्रभावित करते हैं तथा वह चीन-भारत सीमावर्ती इलाकों में संयुक्त रूप से शांति एवं स्थिरता कायम रखने के लिए चीन की सेना के साथ मिलकर काम करे।’’
यह पूछे जाने पर कि इस घटना पर चर्चा के लिए दोनों सेना के बीच कोई बैठक हुई है तो वू ने कहा, ‘‘चीन-भारत सीमावर्ती इलाके में आमतौर पर शांति और स्थिरता कायम रहती है। दोनों पक्ष राजनयिक माध्यमों और और सीमा संबंधी व्यवस्थाओं पर संपर्क में हैं तथा संवाद कर रहे हैं।’’
चीन ने पहले नहीं दी घटना को तवज्जो
इससे पहले 14 सितंबर को चीन के विदेश मंत्रालय ने इस घटना को तवज्जो नहीं देने का प्रयास करते हुए कहा था कि सीमा पर कोई टकराव नहीं है तथा उसने इस मुद्दे पर भारत से ‘स्पष्टीकरण’ मांगा है।
सीमा पर टकराव नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने कहा, ‘‘जहां तक मैं जानता हूं सीमावर्ती इलाके में कोई टकराव नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन के सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी ओर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं।’’
चीन के सैनिकों ने अपने प्रधानमंत्री ली क्विंग के भारत दौरे के समय 2013 में डेपसांग इलाके में तंबू लगा लिए थे। इस मुद्दे को लंबे विचार-विमर्श के बाद हल किया गया था।
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