चीन में 2 जुलाई को लांग मार्च-5 वाई-2 रॉकेट का प्रक्षेपण फेल हो गया था (फाइल फोटो)
बीजिंग:
अंतरिक्ष की दुनिया में राज करने का चीन का सपना अभी साकार होता नहीं दिख रहा है. इसके एक रॉकेट यान के फेल हो जाने के कारण अन्य योजनाओं पर ग्रहण लग गया है. चीनी वैज्ञानिक अन्य सभी योजनाओं को छोड़कर राकेश मिशन के फेल होने के कारण खोज रहे हैं.
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चीन में इस साल भारी उपग्रह प्रक्षेपित करने वाले रॉकेट के असफल प्रक्षेपण के कारण कई महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष योजनाओं में देरी हो गई है. इन योजनाओं में चंद्र मिशन और स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण शामिल है. यह जानकारी चीनी अंतरिक्ष प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है.
पढ़ें: चीन ने अपना मानवयुक्त यान अंतरिक्ष में भेजा, एक महीने प्रयोगशाला में रहेंगे अंतरिक्षयात्री
अब तक के सबसे भारी उपग्रह को ले जाने वाले रॉकेट लॉन्ग मार्च-5 वाई टू का प्रक्षेपण जुलाई में असफल हो गया था. इसी प्रकार के रॉकेट को चंद्रमा पर चीन की नई खोज के लिए भेजा जाना था और वहां से कुछ नमूने एकत्रित कर वापस आना था. चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के महासचिव तियान युलोंग ने बताया कि अधिकारी लॉन्ग मार्च-5 वाई टू के असफल प्रक्षेपण की अब भी जांच कर रहे हैं. इसके असफल प्रक्षेपण के कारण कई बड़े अंतरिक्षयान मिशनों में विलंब हो गया है.
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बता दें कि ज्यादा वजन ले जाने वाले लांग मार्च-5 वाई-2 रॉकेट का प्रक्षेपण दो जुलाई को प्रशिक्षण किया गया था. प्रक्षेपण के तुरंत बाद रॉकेट में गड़बड़ी आ जाने से यह मिशन फेल हो गया. इस रॉकेट के जरिये साढ़े सात टन वजनी शिजियान-18 संचार उपग्रह को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने की योजना थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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चीन में इस साल भारी उपग्रह प्रक्षेपित करने वाले रॉकेट के असफल प्रक्षेपण के कारण कई महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष योजनाओं में देरी हो गई है. इन योजनाओं में चंद्र मिशन और स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण शामिल है. यह जानकारी चीनी अंतरिक्ष प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है.
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अब तक के सबसे भारी उपग्रह को ले जाने वाले रॉकेट लॉन्ग मार्च-5 वाई टू का प्रक्षेपण जुलाई में असफल हो गया था. इसी प्रकार के रॉकेट को चंद्रमा पर चीन की नई खोज के लिए भेजा जाना था और वहां से कुछ नमूने एकत्रित कर वापस आना था. चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के महासचिव तियान युलोंग ने बताया कि अधिकारी लॉन्ग मार्च-5 वाई टू के असफल प्रक्षेपण की अब भी जांच कर रहे हैं. इसके असफल प्रक्षेपण के कारण कई बड़े अंतरिक्षयान मिशनों में विलंब हो गया है.
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बता दें कि ज्यादा वजन ले जाने वाले लांग मार्च-5 वाई-2 रॉकेट का प्रक्षेपण दो जुलाई को प्रशिक्षण किया गया था. प्रक्षेपण के तुरंत बाद रॉकेट में गड़बड़ी आ जाने से यह मिशन फेल हो गया. इस रॉकेट के जरिये साढ़े सात टन वजनी शिजियान-18 संचार उपग्रह को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने की योजना थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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