चीन अपनी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) के एक उप-मंत्री के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम को काठमांडू भेज रहा है, जिसमें माना जाता है कि वह जमीनी स्थिति का आकलन करने और सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) में विभाजन को रोकने के लिए उसका प्रयास है. एक मीडिया रिपोर्ट ने आज कहा.
राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी द्वारा नेपाली संसद को भंग करने और रविवार को प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर मध्यावधि चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद नेपाल सत्तारूढ़ दल के एक वर्ग द्वारा विरोध प्रदर्शन के चलते एक राजनीतिक संकट में फंस गया है.
सत्तारूढ़ एनसीपी प्रधानमंत्री ओली और कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल "प्रचंड" के नेतृत्व में गुटों के बीच लगभग विभाजित हो गई है, मई 2018 में ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल और प्रचंड के नेतृत्व में सीपीएन-माओवादी के विलय के साथ इसका गठन होने के दो साल बाद.
अखबार काठमांडू पोस्ट ( Kathmandu Post) ने बताया कि कम से कम दो एनसीपी नेताओं ने पुष्टि की कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के उप-मंत्री गुओ येओझो (Guo Yezhou) रविवार को आ रहे हैं.
अखबार ने एनसीपी के दोनों धड़ों का हवाला देते हुए कहा, "चार सदस्यीय टीम का नेतृत्व करते हुए, गुओ रविवार सुबह काठमांडू में एक नियमित चाइना सदर्न एयरलाइंस (China Southern Airlines flight) की फ्लाइट से उतरने वाले हैं।"
अखबार ने कहा कि चीन के इस कदम को बीजिंग द्वारा जमीनी स्थिति का आकलन करने का प्रयास माना जा रहा है. एनसीपी के प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट के विदेश मामलों के विभाग के उप प्रमुख बिष्णु रिजाल (Bishnu Rijal) ने कहा कि चीनी पक्ष ने गुओ येओझो की काठमांडू यात्रा के बारे में बताया है.
"मेरे पास इस समय आपके साथ साझा करने के लिए अधिक विवरण नहीं है," रिजाल को कागज में लिखे को पढ़कर कहा. अखबार ने कहा कि काठमांडू में चीनी दूतावास ने उसके कई कॉल और मैसेज का जवाब नहीं दिया.
सत्तारूढ़ पार्टी में सूत्रों का हवाला देते हुए अखबार ने कहा कि काठमांडू में अपने चार दिवसीय प्रवास के दौरान, चीनी उप मंत्री पार्टी के दोनों गुटों के शीर्ष नेताओं से मिलने वाले हैं.
ओली सरकार ने एक जनवरी को संसद के उच्च सदन का शीतकालीन सत्र बुलाने की सिफारिश की
नेपाल के संकटग्रस्त प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्रपति से एक जनवरी को संसद के उच्च सदन का शीतकालीन सत्र बुलाने की सिफारिश की है. ओली की सिफारिश पर गत रविवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी द्वारा प्रतिनिधि सभा को भंग किए जाने तथा मध्यावधि चुनाव की तारीखों की घोषणा किए जाने के बाद नेपाल में राजनीतिक संकट गहरा गया है और सत्तारूढ़ पार्टी का एक तबका तथा विपक्षी दल विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी ने काठमांडू पोस्ट को बताया कि शुक्रवार शाम हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रपति से एक जनवरी को उच्च सदन नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने की सिफारिश किए जाने का निर्णय किया गया. नेपाल का उच्चतम न्यायालय प्रतिनिधि सभा को भंग किए जाने के खिलाफ दायर 13 रिट याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. न्यायालय ने शुक्रवार को ओली सरकार को ‘कारण बताओ' नोटिस जारी किया और संसद भंग करने के अचानक लिए गए निर्णय पर लिखित स्पष्टीकरण मांगा.
(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)
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