बीजिंग:
चीन अगले हफ्ते होने वाले एयरशो में अपने उन्नत स्टील्थ लड़ाकू विमान जे-20 से पर्दा उठाएगा. चीनी वायुसेना ने शुक्रवार को यह घोषणा. इस लड़ाकू विमान को पहली बार लोगों के सामने पेश करने के साथ चीन को उम्मीद है कि अमेरिकी सेना के मुकाबले अंतर को वह पाट सकेगा.
चीन ने 2011 में अपने इस स्टील्थ लड़ाकू विमान का पहला परीक्षण अमरीका के तत्कालीन रक्षा सचिव रॉबर्ट गेट्स की यात्रा के दौरान किया था. कई विश्लेषकों का मानना है कि जे 20 की तस्वीरें देख कर लगता है कि चीन लॉकहीड मार्टिन के रडार से बच सकने वाले एफ-22 रॉप्टर के समकक्ष अपने स्टील्थ लड़ाकू विमान को तेजी से बना रहा है.
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन पश्चिमी लड़ाकू विमानों की तुलना में अपने लड़ाकू विमानों के लिए आधुनिक इंजनों को विकसित करने के लिए संघर्षरत है. चीन नए आधुनिक सैन्य उपकरणों को तेजी से विकसित करने के लिए रक्षा अनुसंधान को बढ़ावा दे रहा है, जिनमें सबमरीन, एअरक्राफ्ट कैरियर और सैटेलाइट रोधी मिसाइल शामिल हैं. इसकी वजह से अमरीका और पूर्वी चीन एवं दक्षिण चीन सागर में पड़ोसी देशों में बेचैनी बढ़ रही है.
हालांकि चीनी वायुसेना का कहना है कि नई तकनीकी विकसित करने में कुछ असामान्य नहीं है, जो कि हर देश करता है जब वह आधुनिक सेना चाहता है. अब चीन नए हथियार बनाने में खुद की क्षमताओं पर ज्यादा निर्भर रहना चाहता है. ये देश की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने और देश के रक्षा विकास के लिए पर्याप्त वजह हैं. ये शांतिपूर्ण विकास के लिए जरूरी है.
चीन ने 2011 में अपने इस स्टील्थ लड़ाकू विमान का पहला परीक्षण अमरीका के तत्कालीन रक्षा सचिव रॉबर्ट गेट्स की यात्रा के दौरान किया था. कई विश्लेषकों का मानना है कि जे 20 की तस्वीरें देख कर लगता है कि चीन लॉकहीड मार्टिन के रडार से बच सकने वाले एफ-22 रॉप्टर के समकक्ष अपने स्टील्थ लड़ाकू विमान को तेजी से बना रहा है.
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन पश्चिमी लड़ाकू विमानों की तुलना में अपने लड़ाकू विमानों के लिए आधुनिक इंजनों को विकसित करने के लिए संघर्षरत है. चीन नए आधुनिक सैन्य उपकरणों को तेजी से विकसित करने के लिए रक्षा अनुसंधान को बढ़ावा दे रहा है, जिनमें सबमरीन, एअरक्राफ्ट कैरियर और सैटेलाइट रोधी मिसाइल शामिल हैं. इसकी वजह से अमरीका और पूर्वी चीन एवं दक्षिण चीन सागर में पड़ोसी देशों में बेचैनी बढ़ रही है.
हालांकि चीनी वायुसेना का कहना है कि नई तकनीकी विकसित करने में कुछ असामान्य नहीं है, जो कि हर देश करता है जब वह आधुनिक सेना चाहता है. अब चीन नए हथियार बनाने में खुद की क्षमताओं पर ज्यादा निर्भर रहना चाहता है. ये देश की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने और देश के रक्षा विकास के लिए पर्याप्त वजह हैं. ये शांतिपूर्ण विकास के लिए जरूरी है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
चीन, चीनी वायुसेना, चीनी लड़ाकू विमान, जे-20 स्टेल्थ विमान, लड़ाकू विमान, जे 20, Chinese Fighter Jets, J-20, J-20 Stealth Fighter Jet, Chinese Air Force