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This Article is From Jul 31, 2016

चीन अब दक्षिणी चीन सागर के जरिए अपनी परमाणु महत्वाकांक्षा को करना चाहता है पूरा

चीन अब दक्षिणी चीन सागर के जरिए अपनी परमाणु महत्वाकांक्षा को करना चाहता है पूरा
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर...
बीजिंग: परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी शक्ति बनने की चीन की महत्वाकांक्षा अब विवादित जलक्षेत्र पर टिक गई है।

चीन की दो सरकारी कंपनियों ने विवादित क्षेत्र में तैरते हुए परमाणु रिएक्टर विकसित करने की योजना बनाई है। इसके वाणिज्यिक परिचालन के लिए यूनिट हासिल करने के मकसद से चीन निरंतर रूस से संपर्क कर रहा है। रूस ने 2007 से इसे विकसित करना आरंभ कर दिया था।

रिएक्टर स्थापित करने से दक्षिण चीन सागर में तेल उत्खनन में मदद करने वाले उपायों को नुकसान पहुंचेगा। दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन का पहले से ही वियतनाम, फिलीपीन तथा कुछ देशों के साथ विवाद चल रहा हैं। चीन की मीडिया का कहा है कि दक्षिणी चीन सागर में 20 रिएक्टर तैनात किए जाने की योजना है।

बीते 12 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र की एक मध्यस्थता अदालत ने फैसला दिया था कि पूरे दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है। चीन ने इस फैसले को खारिज कर दिया था।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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