जकी-उर-रहमान लखवी (फाइल फोटो)
बीजिंग:
मुंबई हमलों के सरगना जकीउर रहमान लखवी की रिहाई पर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई को अवरुद्ध करने के चीन के कदम पर भारत की चिंता के बीच चीन ने आतंकवाद निरोधी संयुक्त तंत्र पर भारत के साथ चर्चा का प्रस्ताव किया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई अवरूद्ध करने के अपने कदम पर चीन की पहली विस्तृत टिप्पणी में एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद के भुक्तभोगी हैं और इससे निबटने के लिए दोनों अच्छे तरीके से काम कर रहे हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के उप-महानिदेशक हुआंग शिलान ने कहा, भारत और चीन दोनों आतंकवाद के शिकार हैं। इस पर हमारा एक तरह का रुख है। हम इस क्षेत्र में काफी अच्छा काम कर रहे हैं। हम आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करते हैं। इसके साथ ही शिलान ने यह भी कहा कि जब बहुपक्षीय संस्थाओं में विशिष्ट मुद्दों का मामला आता है, अतिरिक्त चर्चा जरूरी होती है।
उन्होंने भारतीय पत्रकारों से कहा, हमें और भी वार्ता तथा बातचीत की जरूरत है ताकि हमारे बीच बेहतर समझ हो और हम निकटता के साथ इसपर काम कर सकें। हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं। दोनों मंत्रालयों के बीच आतंकवाद निरोधी विमर्श का एक तंत्र है।
उल्लेखनीय है कि आतंकवाद निरोधी तंत्र की बैठक इस साल के उत्तरार्ध में होने वाली है। शिलान ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि इस क्षेत्र में यह दोनों देशों के बीच निकटतर सहयोग बनाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र में भारत और चीन दोनों का समान रुख है।
उन्होंने कहा, उसूली तौर पर हमारा समान रुख है। बेहतर समझ और निकट सहयोग के लिए विशिष्ट मुद्दों पर..हमें निकट संपर्क में रहने की जरूरत है। शिलान ने कहा, आतंकवाद निरोधी विमर्श के लिए हमारे पास प्रभावी तंत्र है। यह बहुत प्रभावी है और हमें समझ एवं सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस तंत्र का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। लखवी के मामले के अलावा, चीन पहले भी हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाउद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा नेता हाफिज सइद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कार्रवाई की भारत की मांग पर तकनीकी रोक लगा चुका है।
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि जब भारत के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति की बैठक हुई तो मुंबई हमलों के मुकदमे में लखवी की रिहाई पर पाकिस्तान से सफाई मांगी गई, लेकिन चीनी प्रतिनिधियों ने इस आधार पर इस कदम को अवरुद्ध कर दिया कि भारत ने पर्याप्त सूचना प्रदान नहीं की।
संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के मौजूदा अध्यक्ष जिम मैकले के नाम एक पत्र में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने कहा था कि एक पाकिस्तानी अदालत से लखवी की रिहाई नामित अस्तियों और व्यक्तियों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव 1267 का उल्लंघन है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चीनी नेतृत्व के साथ यह मुद्दा बुलंद कर चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई अवरूद्ध करने के अपने कदम पर चीन की पहली विस्तृत टिप्पणी में एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद के भुक्तभोगी हैं और इससे निबटने के लिए दोनों अच्छे तरीके से काम कर रहे हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के उप-महानिदेशक हुआंग शिलान ने कहा, भारत और चीन दोनों आतंकवाद के शिकार हैं। इस पर हमारा एक तरह का रुख है। हम इस क्षेत्र में काफी अच्छा काम कर रहे हैं। हम आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करते हैं। इसके साथ ही शिलान ने यह भी कहा कि जब बहुपक्षीय संस्थाओं में विशिष्ट मुद्दों का मामला आता है, अतिरिक्त चर्चा जरूरी होती है।
उन्होंने भारतीय पत्रकारों से कहा, हमें और भी वार्ता तथा बातचीत की जरूरत है ताकि हमारे बीच बेहतर समझ हो और हम निकटता के साथ इसपर काम कर सकें। हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं। दोनों मंत्रालयों के बीच आतंकवाद निरोधी विमर्श का एक तंत्र है।
उल्लेखनीय है कि आतंकवाद निरोधी तंत्र की बैठक इस साल के उत्तरार्ध में होने वाली है। शिलान ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि इस क्षेत्र में यह दोनों देशों के बीच निकटतर सहयोग बनाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र में भारत और चीन दोनों का समान रुख है।
उन्होंने कहा, उसूली तौर पर हमारा समान रुख है। बेहतर समझ और निकट सहयोग के लिए विशिष्ट मुद्दों पर..हमें निकट संपर्क में रहने की जरूरत है। शिलान ने कहा, आतंकवाद निरोधी विमर्श के लिए हमारे पास प्रभावी तंत्र है। यह बहुत प्रभावी है और हमें समझ एवं सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस तंत्र का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। लखवी के मामले के अलावा, चीन पहले भी हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाउद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा नेता हाफिज सइद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कार्रवाई की भारत की मांग पर तकनीकी रोक लगा चुका है।
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि जब भारत के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति की बैठक हुई तो मुंबई हमलों के मुकदमे में लखवी की रिहाई पर पाकिस्तान से सफाई मांगी गई, लेकिन चीनी प्रतिनिधियों ने इस आधार पर इस कदम को अवरुद्ध कर दिया कि भारत ने पर्याप्त सूचना प्रदान नहीं की।
संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के मौजूदा अध्यक्ष जिम मैकले के नाम एक पत्र में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने कहा था कि एक पाकिस्तानी अदालत से लखवी की रिहाई नामित अस्तियों और व्यक्तियों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव 1267 का उल्लंघन है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चीनी नेतृत्व के साथ यह मुद्दा बुलंद कर चुके हैं।
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