खरबों डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश चीन भारत के रेलवे, विनिर्माण और ढांचागत परियोजनाओं में अरबों डॉलर का निवेश करने की तैयारी में है और संभवत: वह निवेश के मामले में जापान को पीछे कर देगा।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की इसी सप्ताह भारत यात्रा के दौरान इन निवेश योजनाओं की घोषणा की जा सकती है। शी की भारत यात्रा 17 सितंबर से शुरू हो रही है और यात्रा की तिथि नजदीक आते ही चीन के अधिकारी निवेश योजनाओं को लेकर अधिक खुल कर बोलने लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान जापान ने भारत में 35 अरब डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
चीन की कंपनियों का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पिछले साल 90 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच गया पर अभी भारत में उनका निवेश महज 40 करोड़ डॉलर है जिसमें ज्यादातर गुजरात में किया गया है।
चीन का विदेशी मुद्रा भंडार मार्च में 3,950 अरब डॉलर पहुंच गया और उसकी योजना अगले पांच साल में 500 अरब डॉलर का विदेशी निवेश करने की है। चीन भारत में महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन सहित हाई-स्पीड रेलवे के निर्माण की भारत की महत्वाकांक्षी योजना में निवेश करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
चीन के अधिकारियों ने कहा कि चीन भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण में 100 अरब डॉलर से 300 अरब डॉलर के बीच निवेश की प्रतिबद्धता जाहिर कर सकता है।
भारतीय अधिकारियों का कहना है कि पटरियों को सुधारे जाने पर ट्रेन की औसत गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की जा सकती है।
जहां जापान ने मुंबई-अहमदाबाद के बीच पहली बुलेट ट्रेन परियोजना हासिल की है, चीन के अधिकारियों ने चेन्नई-बेंगलूर और बेंगलूर.मुंबई गलियारों पर हाई-स्पीड ट्रेनों में रचि दिखाई है।
शी की भारत यात्रा के दौरान चीन दो औद्योगिक पार्कों के निर्माण की घोषणा कर सकता है जिसमें पहला पार्क गुजरात में, जबकि दूसरा महाराष्ट्र में स्थापित किया जा सकता है।
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