चीन ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की मदद की है. चीन ने अपने दोस्त पाकिस्तान को फायनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में ब्लैक लिस्ट होने से बचा लिया है. गौरतलब है कि ग्रे लिस्ट में चल रहे पाकिस्तान को आतंकी फ़ंडिंग पर लगाम लगानी है और इसके लिए 18 महीने का नेगोसिएशन पीरियड है. लेकिन 27 मानकों में से 24 पर अभी भी वह नाकाम है. अब पाकिस्तान को अक्टूबर की बैठक तक का समय मिला है. भारत ने उसे ब्लैक लिस्ट करने का मोशन मूव किया था.
बता दें कि FATF जोकि देशों के आतंकी फंडिंग रोकने पर नजर रखता है, ने फरवरी 2019 में पाक को खरी-खरी सुनाते हुए तीखी चेतावनी भी दी थी. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने कहा था कि लश्कर, जैश और जमात उद दावा जैसे आतंकी संगठनों की फंडिंग पर सही तरीके से लगाम लगाने में पाकिस्तान नाकामयाब रहा है. पाकिस्तान को इन रणनीतिक कमियों से पार पाने के लिए काम करना चाहिए. पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों- दाएश, अल कायदा, जमात-उद-दावा और उसी का अंग फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और तालिबान से जुड़े लोगों से बने खतरे का सही आकलन नहीं दिखाता.
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FATF ने कहा था कि आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए जिस एक्शन प्लान की डेडलाइन जनवरी 2019 थी उस पर भी पाकिस्तान ने थोड़ी ही प्रगति दिखाई है. FATF ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए उसे मई 2019 तक टारगेट पूरे करने के निर्देश दिए थे.
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