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This Article is From Sep 06, 2021

चीन की सेना के नापाक मंसूबे बढ़ा रहे चिंता! आत्मघाती ड्रोन खरीदने की तैयारी : रिपोर्ट

विस्फोटक लदे आत्मघाती ड्रोन में एक प्रोपेलर, पंख, एक वारहेड और एक कैमरा लगा होता है. ये हवा में एक क्षेत्र में चक्कर लगाते हैं और अपने कैमरे से स्कैन करके टारगेट की पहचान करते हैं.

चीन की सेना के नापाक मंसूबे बढ़ा रहे चिंता! आत्मघाती ड्रोन खरीदने की तैयारी : रिपोर्ट
विशेषज्ञ ने चीन निर्मित ड्रोन को लेकर जताई चिंता (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बीजिंग:

चीन लगातार अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में लगा हुआ है. अब खबर आ रही है कि चीन की सेना सुसाइड ड्रोन या विस्फोटक से लदे आत्मघाती ड्रोन (Loitering munition) खरीदने पर विचार कर रहा है, जिसे पकड़ना और मार गिराना मुश्किल हो सकता है, खासकर तब जब उसका आकार छोटा हो. माइकल पेक ने नेशनल इंटरेस्ट में लिखा कि अमेरिकी सेना और चीन के लिए यह उन्नत हथियार है, जिसका वे इस्तेमाल कर सकते हैं. चीन की सैन्य साजोसामान खरीद वेबसाइट पर पोस्ट की गई एक घोषणा के अनुसार, चीन को दो तरह के सुसाइड ड्रोन चाहिए. ड्रोन की तकनीकी खासियतों और संख्या को क्लासीफाइड रखा गया है. 

इस बीच, चीनी ड्रोन निर्माताओं के पास ऐसे उत्पाद हैं जो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की मांगों को पूरा कर सकते हैं. चाइना एयरोस्पेस ने 2018 में मानवरहित हवाई वाहन CH-901 का अनावरण किया, जिसे चीनी मीडिया ने 4 फीट लंबा और 20 पाउंड वजन का बताया था. इसकी स्पीड 150 किलोमीटर (93 मील) प्रति घंटे, रेंज 15 किलोमीटर (9 मील) और 2 घंटे तक उड़ सकता है. बड़ा वर्जन WS-43 एक 500 पाउंड का हथियार है, जिसकी रेंज 60 किलोमीटर है और यह 30 मिनट हवा में रह सकता है. 

पेक ने कहा कि एक्सपेंडेबल अटैक ड्रोन या हवाई आर्टिलरी शेल का इस्तेमाल इस बात पर निर्भर करता है कि आप उन्हें कैसे देखते हैं. सुसाइड ड्रोन 21वीं सदी के युद्ध के मैदान में एक घातक नवागंतुक (Newcomer) है. 

इस तरह के हथियार को सैन्य क्षेत्र से जुड़े लोग Loitering munition के नाम से भी पुकारते हैं. सामान्य शब्दों में इस तरह के हथियार तोप के गोले- जो कि हवा में नहीं रह सकते और स्ट्राइक ड्रोन जैसे- अमेरिका का रीपर और प्रीडेटर- के बीच के गैप को पूरा करते हैं. रीपर और प्रीडेटर काफी बड़े और महंगे मानवरहित विमान हैं. 

Loitering munition यानी आत्मघाती ड्रोन में एक प्रोपेलर, पंख, एक वारहेड और एक कैमरा लगा होता है. ये हवा में एक इलाके में चक्कर लगाते हैं और अपने कैमरे से स्कैन करके टारगेट की पहचान करते हैं और उसकी तस्वीर दूर बैठे ऑपरेटर को भेजते हैं. जब ऑपरेटर को सही टारगेट दिखाई देता है तो वह ड्रोन को लक्ष्य पर हमला करने का कमांड दे देता है. 

इन हथियारों का कई तरह से उपयोग किया जा सकता है. द नेशनल इंटरेस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यूएस मरीन कॉर्प्स ने 2018 में एरोविज़न का स्विचब्लेड ड्रोन ऑर्डर किया था. इसे हाथ में पकड़ा जा सकता है. इस हथियार का वजन 6 पाउंड है, जो एक सैनिक के बैग के अंदर फिट बैठता है.

स्विचब्लेड (Switchblade) को खास परिस्थितियों के लिए डिजाइन किया गया है जैसे किसी पहाड़ी के रिवर्स स्लोप पर सैनिकों को मोर्टार का सामना हो, जिसे सीधे फायर करने वाले हथियारों से नहीं मारा जा सकता. ऐसी स्थिति में तोप या हवाई हमले का इंतजार किए बिना सैनिक अपने बैग से स्विचब्लेड निकलकर टारगेट को तहस-नहस कर सकता है.

यदि इमारत में बैठे किसी स्नाइपर को निशाना बनाना हो और ऐसा करने पर नागरिकों की जान-माल की हानि का खतरा हो तो स्विचब्लेड खिड़की के अंदर से जाकर टारगेट को खत्म कर सकता है. नेशनल इंटरेस्ट ने बताया कि इसका वारहेड करीब-करीब ग्रेनेड जितना की ताकतवर है, लेकिन यह मोर्टार या स्नाइपर के लिए पर्याप्त है.

पेक के अनुसार, चीन के ये आत्मघाती ड्रोन चीन से बाहर देखने को भी मिल सकते हैं. चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बन सकता है, जिसके विमान, टैंक और राइफलें दुनिया भर में देखने को मिल सकती हैं. इसका मतलब है कि अमेरिकी सैनिकों को अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में चीन निर्मित आत्मघाती ड्रोन का सामना करना पड़ सकता है. 

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