प्रतीकात्मक फोटो.
बीजिंग:
चीन ने अपने सुपरकंप्यूटर ‘सनवे ताएहूलाइट’ के जरिए लगातार आठवीं बार विश्व के सबसे तेज सुपरकंप्यूटरों की सूची में शीर्ष स्थान पर कब्जा बनाए रखा है. यह सुपरकंप्यूटर एक सेकेंड में 9.3 करोड़ अरब गणनाएं कर सकता है. यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई है.
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने सोमवार को जारी टॉप 500 सुपरकंप्यूटरों की हालिया छमाही सूची का हवाला देते हुए कहा कि विशाल सुपरकंप्यूटर ताएहूलाइट को दुनिया का सबसे तेज सुपरकंप्यूटर बताया गया है. इसका निर्माण पूरी तरह से चीन में बने प्रोसेसरों की मदद से किया गया है.
ताएहूलाइट जून में आया था. तब इसने पूर्व विजेता तिआन्हे-2 की जगह ली थी. वह भी एक चीनी कंप्यूटर था और इंटेल चिपों पर आधारित था. ताएहूलाइट एक सेकेंड में 9.3 करोड़ अरब गणनाएं कर सकता है.
यह तिआन्हे-2 की तुलना में तीन गुना तेज है. तिआन्हे-2 को पिछले तीन साल तक टॉप 500 की सूची में पहले स्थान पर रखा गया था.
रिपोर्ट में कहा गया कि इसका यह अर्थ है कि चीन के सुपरकंप्यूटर ने लगातार आठवीं बार सुपरकंप्यूटर सूची में पहला स्थान बनाए रखा है. यह उच्च स्तरीय कंप्यूटिंग में चीन के उभार को दर्शाता है.
पिछली सूची जून में जारी हुई थी. तब चीन लगाए गए सुपरकंप्यूटरों की संख्या के मामले में अमेरिका से आगे निकल गया था. अब यह पहली बार है कि अमेरिका किसी भी श्रेणी में अव्वल नहीं आया है. यह सूची बनाने की शुरूआत 23 साल पहले से हुई थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने सोमवार को जारी टॉप 500 सुपरकंप्यूटरों की हालिया छमाही सूची का हवाला देते हुए कहा कि विशाल सुपरकंप्यूटर ताएहूलाइट को दुनिया का सबसे तेज सुपरकंप्यूटर बताया गया है. इसका निर्माण पूरी तरह से चीन में बने प्रोसेसरों की मदद से किया गया है.
ताएहूलाइट जून में आया था. तब इसने पूर्व विजेता तिआन्हे-2 की जगह ली थी. वह भी एक चीनी कंप्यूटर था और इंटेल चिपों पर आधारित था. ताएहूलाइट एक सेकेंड में 9.3 करोड़ अरब गणनाएं कर सकता है.
यह तिआन्हे-2 की तुलना में तीन गुना तेज है. तिआन्हे-2 को पिछले तीन साल तक टॉप 500 की सूची में पहले स्थान पर रखा गया था.
रिपोर्ट में कहा गया कि इसका यह अर्थ है कि चीन के सुपरकंप्यूटर ने लगातार आठवीं बार सुपरकंप्यूटर सूची में पहला स्थान बनाए रखा है. यह उच्च स्तरीय कंप्यूटिंग में चीन के उभार को दर्शाता है.
पिछली सूची जून में जारी हुई थी. तब चीन लगाए गए सुपरकंप्यूटरों की संख्या के मामले में अमेरिका से आगे निकल गया था. अब यह पहली बार है कि अमेरिका किसी भी श्रेणी में अव्वल नहीं आया है. यह सूची बनाने की शुरूआत 23 साल पहले से हुई थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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