बीजिंग:
विश्व की सर्वाधिक विशाल सक्रिय सेना, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पहली बार अपनी क्षमताओं का खुलासा करते हुए कहा है कि उसके पास अपने मिसाइलों के जखीरे से अलग कुल 14 लाख 83 हजार सैनिक हैं।
सेना, नौसेना और वायुसेना में कार्यरत सैनिकों संबंधी 23 लाख की सशक्त क्षमता वाली पीएलए के संबंध में जारी वार्षिक श्वेत-पत्र में यह जानकारी दी गई है। इसमें स्ट्रेटेजिक कमांड डिवीजन, सेकेंड आर्टिलरी फोर्स के बारे में खुलासा नहीं किया गया है जो इसके परमाणु और बैलेस्टिक मिसाइलों के जखीरे को संभालती है।
चीन के सशस्त्र बलों में विभिन्न खंडों में कार्यरत बलों के बारे में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान श्वेतपत्र जारी करते हुए रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता यांग यूजिन पीएलए की 23 लाख की अनुमानित संख्या के संबंध में किए गए सवाल को टाल गए।
इस दस्तावेज की पड़ताल करने वाले रक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि पीएलए की वास्तविक संख्या 23 लाख है क्योंकि श्वेतपत्र में चीनी सेना की मुख्य मिसाइल यूनिट सेकेंड आर्टिलरी की संख्या को शामिल नहीं किया गया है जिसमें बड़ी संख्या में जवान और मोबाइल मिसाइल यूनिट शामिल हैं।
यांग ने कहा, ‘‘इससे मीडिया को सशस्त्र बलों को समझने में मदद मिलेगी।’’
1998 के बाद से चीन सरकार द्वारा जारी इस प्रकार के आठवें श्वेतपत्र के अनुसार, चीन की 18 संयुक्त कोर और अतिरिक्त स्वतंत्र संयुक्त आपरेशन ब्रिगेड में साढ़े आठ लाख सैनिक हैं। संयुक्त कोर में डिवीजन और ब्रिगेड शामिल हैं जो सात मिलिट्री एरिया कमांड के तहत काम करती हैं। पीएलए नौसेना में कुल 2.35 लाख सैनिक हैं और इसके पास तीन बेड़ों बेईहेई बेड़े, डोंगहाई बेड़े और नेनहई बेड़े की कमान है।
पीएलए वायुसेना में सात मिलिट्री एरिया कमांड में प्रत्येक में करीब 3.98 लाख अधिकारी और सैनिक हैं। इसके अलावा इसमें एक हवाई कोर भी शामिल है।
देश की सामरिक प्रतिरोधक क्षमता वाली पीएलए की सेकेंड आर्टिलरी फोर्स में परमाणु और पारंपरिक मिसाइल बल तथा आपरेशन सपोर्ट यूनिट शामिल हैं। हालांकि श्वेतपत्र में इनकी संख्या का खुलासा नहीं किया गया है।
इस यूनिट में ‘डोंग फेंग’ बैलेस्टिक मिसाइल और ‘‘छांग जियान’’ मिसाइल की कई श्रंखलाएं मौजूद हैं। ये लंबी, मध्यम और कम दूरी की हैं।
दस्तावेज में कहा गया है कि चीन अपने अंतरराष्ट्रीय रवैये और सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने तथा हितों की रक्षा के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय रक्षा तथा सशस्त्र बल तैयार करेगा। श्वेतपत्र में यह भी कहा गया है कि चीन के समक्ष अभी भी बहुपक्षीय और पेचीदा सुरक्षा खतरे और चुनौतियां मौजूद हैं।
सेना, नौसेना और वायुसेना में कार्यरत सैनिकों संबंधी 23 लाख की सशक्त क्षमता वाली पीएलए के संबंध में जारी वार्षिक श्वेत-पत्र में यह जानकारी दी गई है। इसमें स्ट्रेटेजिक कमांड डिवीजन, सेकेंड आर्टिलरी फोर्स के बारे में खुलासा नहीं किया गया है जो इसके परमाणु और बैलेस्टिक मिसाइलों के जखीरे को संभालती है।
चीन के सशस्त्र बलों में विभिन्न खंडों में कार्यरत बलों के बारे में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान श्वेतपत्र जारी करते हुए रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता यांग यूजिन पीएलए की 23 लाख की अनुमानित संख्या के संबंध में किए गए सवाल को टाल गए।
इस दस्तावेज की पड़ताल करने वाले रक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि पीएलए की वास्तविक संख्या 23 लाख है क्योंकि श्वेतपत्र में चीनी सेना की मुख्य मिसाइल यूनिट सेकेंड आर्टिलरी की संख्या को शामिल नहीं किया गया है जिसमें बड़ी संख्या में जवान और मोबाइल मिसाइल यूनिट शामिल हैं।
यांग ने कहा, ‘‘इससे मीडिया को सशस्त्र बलों को समझने में मदद मिलेगी।’’
1998 के बाद से चीन सरकार द्वारा जारी इस प्रकार के आठवें श्वेतपत्र के अनुसार, चीन की 18 संयुक्त कोर और अतिरिक्त स्वतंत्र संयुक्त आपरेशन ब्रिगेड में साढ़े आठ लाख सैनिक हैं। संयुक्त कोर में डिवीजन और ब्रिगेड शामिल हैं जो सात मिलिट्री एरिया कमांड के तहत काम करती हैं। पीएलए नौसेना में कुल 2.35 लाख सैनिक हैं और इसके पास तीन बेड़ों बेईहेई बेड़े, डोंगहाई बेड़े और नेनहई बेड़े की कमान है।
पीएलए वायुसेना में सात मिलिट्री एरिया कमांड में प्रत्येक में करीब 3.98 लाख अधिकारी और सैनिक हैं। इसके अलावा इसमें एक हवाई कोर भी शामिल है।
देश की सामरिक प्रतिरोधक क्षमता वाली पीएलए की सेकेंड आर्टिलरी फोर्स में परमाणु और पारंपरिक मिसाइल बल तथा आपरेशन सपोर्ट यूनिट शामिल हैं। हालांकि श्वेतपत्र में इनकी संख्या का खुलासा नहीं किया गया है।
इस यूनिट में ‘डोंग फेंग’ बैलेस्टिक मिसाइल और ‘‘छांग जियान’’ मिसाइल की कई श्रंखलाएं मौजूद हैं। ये लंबी, मध्यम और कम दूरी की हैं।
दस्तावेज में कहा गया है कि चीन अपने अंतरराष्ट्रीय रवैये और सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने तथा हितों की रक्षा के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय रक्षा तथा सशस्त्र बल तैयार करेगा। श्वेतपत्र में यह भी कहा गया है कि चीन के समक्ष अभी भी बहुपक्षीय और पेचीदा सुरक्षा खतरे और चुनौतियां मौजूद हैं।
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