चीन ने व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद बुधवार को कोविड-19 से जुड़ी बड़ी पाबंदियों को वापस ले लिया. इसे उस खतरनाक ‘जीरो कोविड' नीति खत्म करने की दिशा में उठाये गए कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिसने अर्थव्यवस्था और देशभर में लोगों की आवाजाही को सख्ती से धीमा किया. बदलते हालात और कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के कमजोर पड़ने के मद्देनजर स्टेट काउंसिल चीन के कैबिनेट ने कोविड-19 को लेकर नए उपायों की घोषणा की. एक आधिकारिक ऐलान में यह जानकारी दी गई.
नए उपायों के तहत लॉकडाउन को पूरे जिले और आस-पड़ोस के बजाय संबंधित अपार्टमेंट, मंजिल(फ्लोर) और भवनों तक सीमित किया गया है. पाबंदियों में अचानक ढील से यह चिंता बढ़ गई है, प्रतिदिन सामने आ रहे कोरोना संक्रमण के नये मामलों की संख्या में तेज इजाफा हो सकता है. फिलहाल प्रतिदिन 30 हजार कोविड-19 के नए मामले सामने आ रहे हैं. चीन में फिलहाल कड़ाके की ठंड पड़ रही है और पारा शून्य से नीचे है.
नए नियमों के तहत कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने वाले लोग अस्पतालों में भर्ती होने के बजाय घर पर ही पृथकवास में रह सकेंगे. इसके अलावा, जिन स्कूलों में संक्रमण का कोई मामला नहीं मिला है, वहां ऑफलाइन कक्षाएं शुरू की जा सकेंगी. इसी तरह बाहर से यात्रा करके आने पर जांच के नियम को भी हटा दिया गया है.
इसके अलावा नर्सिंग होम, स्कूल समेत कुछ निर्धारित स्थानों के अलावा अन्य स्थानों पर निगेटिव न्यूक्लिक एसिड जांच का परिणाम दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ये रियायतें सख्त ‘जीरो कोविड' नीति को लेकर चीन के विभिन्न शहरों में हुए प्रदर्शनों के मद्देनजर दी गई हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि देश में तीन साल से लागू इन प्रतिबंधों के चलते आम जनजीवन, यात्रा और रोजगार प्रभावित हुआ है, साथ ही अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ा है.
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