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This Article is From Nov 28, 2022

China में थियानमेन चौक पहुंची प्रदर्शनों की चिंगारी, 33 साल पहले ऐसे बना था नरसंहार का गवाह

चीन (China) थियानमेन (Tiananmen) की याद को मिटाने की पूरी कोशिश कर रहा है. थियानमेन चौक के इतिहास की किताबों से हटा दिया गया है. चीन के इंटरनेट से थियानमेन के संदर्भ को हटा दिया गया है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी थियानमेन के प्रदर्शनों (Protests) की याद खत्म की गई है.  

China में थियानमेन चौक पहुंची प्रदर्शनों की चिंगारी, 33 साल पहले ऐसे बना था नरसंहार का गवाह
China ने 2019 के विरोध प्रदर्शनों के बाद Hong Kong में भी थियामेन चौक (Tiananmen Square) की याद को प्रतिबंधित कर दिया है (File Photo)

चीन (China) में शी चिनफिंग (Xi Jinping) की सरकार की ज़ीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) के खिलाफ देश के हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. लेकिन थियामेन चौक (Tiananmen Square) पर भी सरकार के खिलाफ विरोध के सुर 1989 में हुए विरोध प्रदर्शनों और जनसंहार की याद दिलाते हैं. 1980 के दशक में चीन बड़े आर्थिक-सामाजिक बदलावों से गुजर रहा था. 1980 के दशक के मध्य तक छात्र आंदोलन ज़ोर पकड़ने लगा. साल 1989 में बीजींग के थियानमेन चौक पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, जिन्हें चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने बड़ी बेदर्दी से कुचला.  

कैसे बने थियामेन पर विरोध के हालात?

इन विरोध प्रदर्शनों में अधिकतर बड़े पैमाने पर आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक आज़ादी की मांग करने वाले लोग शामिल होते थे. यह प्रदर्शनकारी बड़े तत्कालीन नेता हू याओबांग की मौत से भी भड़के हुए थे, जो चीन के आर्थिक और राजनैतिक बदलावों की अगुवाई कर रहे थे.   

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रेल में हू के अंतिम संस्कार पर लाखों लोग इकठ्ठा हुए थे और बोलने की अधिक आज़ादी की मांग की गई, साथ ही सेंसरशिप में कमी लाने को भी सरकार पर दबाव डाला जा रहा था .
आने वाले हफ्तों में थियानमेन चौक पर दस लाख विरोध प्रदर्शनकारी तक इकठ्ठा हुए. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में भी दो आवाज़ें उठ रहीं थीं, कि इन प्रदर्शनकारियों से कैसे निपटा जाए.  लेकिन चीन के बीजिंग में मई के आखिरी हफ्तों में मार्शल लॉ घोषित कर दिया गया.  

3 से 4 जून को सेना थियानमेन चौक पर पहुंची और उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी.  प्रदर्शनकारियों को कुचला गया, और इस इलाके का नियंत्रण लेने के लिए प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया.  

थियानमेन चौक पर कितने प्रदर्शनकारी मारे गए?

चीन की दमनकारी नीतियों के कारण कभी यह स्पष्ट तौर पर सामने नहीं आ पाया कि चीन में प्रदर्शनकारी थियानमेन चौक पर मारे गए.  बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जून 1989 के आखिर में चीनी सरकार ने कहा था कि 200 नागरिक मारे गए और कई दर्जन सुरक्षा कर्मचारियों की भी मौत हुई.लेकिन बाक़ी आंकलन हजारों लोगों के मारे जाने की बात करते हैं.  साल 2017 में ब्रिटेन का एक रिलीज़ हुआ दस्तावेज बताता है कि चीन में ब्रिटेन के राजदूत सर एलन डोनाल्ड ने कहा था कि थियानमेन चौक पर 10,000 लोगों की मौत हुई.  

चीन में आज थियानमेन का महत्व 

चीन में 1989 की घटनाओं पर चर्चा की बिल्कुल मनाही है. हॉन्ग-कॉन्ग वो आखिरी जगह थी, जहां चीन में थियानमेन चौक को बड़े पैमाने पर याद किया जाता था. लेकिन वो भी केवल दो साल पहले तक. फिर वहां चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने 2019 के विरोध प्रदर्शनों के बाद, नया नेशनल सिक्योरिटी कानून लागू कर थियामेन चौक को याद करने को प्रतिबंधित कर दिया है. 

इस साल भी 4 जून को चीनी अधिकारियों ने थियानमेन चौक की 33वीं वर्षगांठ पर इकठ्ठा हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया

चीन थियानमेन की याद को मिटाने की पूरी कोशिश कर रहा है. थियानमेन चौक को इतिहास की किताबों से हटा दिया गया है, चीन के इंटरनेट से थियानमेन के संदर्भ को हटा दिया गया है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी थियानमेन की याद खत्म की गई है.  

चीन की सरकार ने 23 दिसंबर 2021 को हांग-कांग की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी (University of Hong Kong) से रातों-रात थियानमेन चौक के स्मृति चिन्ह, "पिलर ऑफ शेम" (Pillar of Shame) को मिटा दिया गया. इस पर थियानमेन चौक में 1989 में मारे गए लोगों को याद करतु हुए, पीड़ितों के गुस्साए चेहरे और प्रताड़ित शरीर बने हुए थे जो एक दूसरे पर ढ़ेर की तरह डले हुए थे.  इस कैंपस में यह "पिलर ऑफ शेम" 1997 से है,  जब इस पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी को चीन को वापस दिया गया था.  

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