कनाडा सरकार ने लवप्रीत नाम के एक छात्र को डिपोर्ट करने पर रोक लगा दी है. 13 जून को लवप्रीत की जबरन भारत वापसी तय थी. कनाडा के इमीग्रेशन मिनिस्टर के दफ्तर से लवप्रीत को फोन कर इस बारे में जानकारी दी गई. हालांकि यह रोक कब तक के लिए लगाई गई है, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है. इस फैसले से ना सिर्फ लवप्रीत बल्कि भारत के अन्य छात्रों के लिए भी उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है. लवप्रीत सिंह भारत के उन 700 छात्रों में शामिल हैं, जिनके ‘प्रवेश प्रस्ताव पत्र' नकली पाए जाने के बाद कनाडा से निर्वासन का सामना कर रहे हैं. ऐसे अधिकतर छात्र पंजाब से ताल्लुक रखते हैं. इन 700 छात्रों में से अधिकतर 2017 और 2018 के बीच कनाडा गए थे.
भारत के करीब 700 छात्र कनाडा से जबरन वतन वापसी का सामना कर रहे हैं. यह मामला मार्च में तब सामने आया था, जब इन छात्रों ने पढ़ाई खत्म करने के बाद कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया और कनाडा की सीमा सुरक्षा एजेंसी (सीबीएसए) ने उनके दस्तावेजों को फर्जी पाया.
निर्वासन की जद में आए छात्रों के पंजाब में रहने वाले परिवारों ने शिक्षा सलाहकारों पर फर्जी प्रवेश पत्रों के जरिये धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया.
पंजाब में रूपनगर जिले के चटमली गांव की रहने वाली लवप्रीत की मां सरबजीत कौर ने कहा, "मैकेनिकल इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद लवप्रीत 2017 में कनाडा चला गया। वह पढ़ाई में अच्छा है. (इस मामले में) उसकी क्या गलती है." लवप्रीत छह साल पहले ‘स्टडी वीजा' पर कनाडा गया था.
उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि वह वहीं रहे. हमने लवप्रीत को विदेश भेजने में अपनी जीवन भर की जमा पूंजी लगा दी है."
सरबजीत कौर ने उस एजेंट के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके जरिये लवप्रीत कनाडा गया था.
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