चीन ने आज कहा कि भारत के साथ सीमा विवाद पर 'नियंत्रण' कायम कर लिया गया है और दोनों देशों को इसके निपटारे के लिए द्विपक्षीय सहयोग की मजबूती की खातिर 'और ज्यादा' कोशिश करनी चाहिए।
चीन की विधायिका नेशनल पीपुल्स कांफ्रेंस (एनपीसी) के इतर अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि इस साल के अंत में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अपनी पहली यात्रा पर आएंगे तो उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा।
भारत-चीन रिश्तों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वांग ने कहा, 'पिछले सितंबर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत की ऐतिहासिक यात्रा की। प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात में दोनों नेताओं की चरखा चलाती हुई तस्वीर चीन में भी काफी चर्चित हुई थी।'
उन्होंने कहा, 'चीन के लोग दूसरों के प्रति शिष्टाचार व्यक्त करते हैं। मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री मोदी इस साल के अंत में जब चीन की यात्रा पर आएंगे तो चीन की सरकार और वहां के लोग उनका गर्मजोशी से स्वागत करेंगे।'
चीन-भारत सीमा से जुड़े सवालों को 'इतिहास की विरासत' करार देते हुए वांग ने कहा, 'हमने कई साल तक इस पर काम किया और और सीमा वार्ता में कुछ प्रगति की है।'
चीनी विदेश मंत्री ने कहा, 'विवाद पर नियंत्रण किया गया है। अभी सीमा वार्ता छोटी-छोटी सकारात्मक घटनाओं के साथ प्रक्रिया में है। यह पहाड़ पर चढ़ाई के जैसा है और सफर मुश्किल है, क्योंकि हम ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं।'
वांग ने कहा, 'हम चीन-भारत सहयोग को मजबूत करने के लिए ज्यादा प्रयास कर रहे हैं ताकि हम सीमा से जुड़े सवालों के निपटारे में सफल हो सकें।' चीन के शीर्ष नेता रहे देंग शियाओपिंग का हवाला देते हुए वांग ने कहा कि जब तक भारत और चीन विकसित नहीं होंगे, एशिया की सदी नहीं आएगी।
विदेश मंत्री ने कहा, 'हमारे नेताओं द्वारा किए गए अहम समझौतों को लागू करने के लिए चीन भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।' उन्होंने कहा, 'चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को दो प्राचीन स5यताओं के पुनर्जीवन, दो उभरते बाजारों की साझा समृद्धि और दो बड़े पड़ोसियों के मित्रतापूर्ण सह-अस्तित्व के लिए मिलकर काम करना चाहिए।'
मोदी छह मई से पहले चीन की यात्रा पर आ सकते हैं। उनकी सरकार मई में एक साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
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