एयर एशिया के विमान के 'फ्लाइट डेटा रिकार्डर' को गोताखोरों ने सोमवार को जावा सागर से बरामद कर लिया, जिसे दुर्घटना की गुत्थी को सुलझाने में इसे एक संभावित सफलता माना जा रहा है। वहीं, एक इंडोनेशियाई अधिकारी ने कहा है कि पानी में गिरने पर दवाब में तेजी से बदलाव आने के चलते विमान में विस्फोट हुआ।
'ब्लैक बॉक्स' के दो हिस्सों में एक 'कॉकपिट वॉयस रिकार्डर' का पता भी फ्लाइट डेटा रिकार्डर से 20 मीटर की दूरी पर चला, लेकिन इसे अभी तक बरामद नहीं किया गया है। इंडोनेशिया की खोज एवं बचाव एजेंसी बसरनास के प्रमुख बमबांग सोएलिसत्यो ने संवाददाताओं से कहा, 'मुझे राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा समिति के प्रमुख से स्थानीय समयानुसार सुबह 7:11 बजे सूचना मिली कि ब्लैक बॉक्स के एक हिस्से यानि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) को बरामद कर लिया गया है।'
उन्होंने बताया, 'हमें जो मिला और बरामद हुआ वो एफडीआर है।' इस बीच तलाश एवं राहत एजेंसी के समन्वयक एसबी सुप्रीयादि ने बताया कि कॉकपिट वॉयस रिकार्डर एक डैने के नीचे पड़ा प्रतीत होता है जो काफी भारी है।
उन्होंने मौके से नजदीकी स्थान पांगकलां बुन में संवाददाताओं से कहा, 'इसलिए हम इसे उठाने के लिए एयर बैग का इस्तेमाल करेंगे। यह कल किया जाएगा।'
अधिकारी ने दुर्घटना के बारे में नाटकीय ब्योरा देते हुए कहा कि अब तक बरामद मलबे के शुरुआती विश्लेषणों से संकेत मिलता है कि पानी में गिरने पर दवाब में तेजी से बदलाव आने के चलते विमान में विस्फोट हुआ। 'इसमें दवाब के चलते विस्फोट हुआ।'
केबिन पर दवाब का असर पड़ा और इससे पहले कि उसे समायोजित किया जाता तब तक इसमें विस्फोट हो गया। इस विस्फोट को इलाके में सुना गया। विमान का बायां हिस्सा नष्ट हुआ नजर आ रहा है। सुप्रीयादी ने कहा कि इलाके के मछुआरों ने विस्फोट की आवाज सुनी और पानी के ऊपर धुआं उठता देखा, इससे भी इस संभावना को बल मिलता है।
हालांकि, मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया है कि विस्फोट के सिद्धांत के समर्थन में कोई डेटा नहीं मिला है।
दो हफ्ते के तलाश अभियान के बावजूद अब तक सिर्फ 48 शव बरामद किए गए हैं।
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