दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रूस में गीता को 'उग्रवादी साहित्य' बताकर इस पर प्रतिबंध लगाने की मुहिम के खिलाफ वहां के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव को बुधवार को पत्र लिखा। पत्र में इस तरह की मुहिम की आलोचना और साइबेरिया के तामस्क शहर में चल रहे मुकदमे को वापस लेने की मांग की गई है। भाजपा की ओर से लिखा गया यह पत्र यहां रूसी दूतावास में रूस के उप राजदूत को सौंपा गया। इसमें कहा गया है कि हिन्दू ग्रंथ पर प्रतिबंध से दुनियाभर में करोड़ों हिन्दुओं की भावना आहत होगी। इसके अनुसार, "गीता आत्म-अनुशासन का उपदेश देता है। यह उत्कृष्ट विचारों और योग, कार्य तथा भक्ति पर व्यावहारिक निर्देशों से सम्बंधित पुस्तक है। यह उग्रवाद नहीं फैलाता।" पत्र में रूसी सरकार से मामले में हस्तक्षेप की अपील गई है। इसमें कहा गया है, "हम रूस को मित्र देश के रूप में देखते हैं। भारत और रूस के बीच पिछले चार दशक से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, रक्षा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा, व्यापार, व्यवसाय, इतिहास एवं संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग है।"