डरबन में स्वागत समारोह में भाषण देते पीएम मोदी
डरबन:
भारत को विश्व के 'सर्वाधिक दीप्तिमान केंद्रों में से एक' बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आर्थिक तरक्की के लाभों की पेशकश अफ्रीका, विशेषकर दक्षिण अफ्रीका को उसके व्यापक हित में की।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सहयोग को बढ़ाने की पैरवी करते हुए उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के बीच संबंधों का इतिहास आधुनिक समय की हमारी साझेदार को निर्मित करने के लिए एक मजबूत आधारशिला उपलब्ध कराता है।'
डरबन के मेयर द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका को उन 'महान अवसरों का फायदा उठाना चाहिए, जिनमें हमारा उज्ज्वल भविष्य है।' उन्होंने कहा, आज भारत आर्थिक कायाकल्प के दौर से गुजर रहा है और दक्षिण अफ्रीका, अफ्रीका की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हमारी कारोबार और निवेश साझेदारी पहले ही महत्वपूर्ण है।
उन्होंने इस देश की अपनी दो-दिवसीय यात्रा को समाप्त करने से ठीक पहले यह बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज हमारी एक-दूसरे पर निर्भर दुनिया में भारत की तरक्की की कहानी दीप्तिमान केंद्रों में से एक है। लेकिन भारत की आर्थिक तरक्की केवल हमारे समाज के फायदे के लिए नहीं है। हमारी साझेदारी अफ्रीका और दक्षिण अफ्रीका जैसे हमारे मित्रों के व्यापक हित के लिए खुली है।'
दक्षिण अफ्रीका के साथ महात्मा गांधी के विशेष लगाव और अपने दक्षिण अफ्रीकी साथियों के बारे में उनकी चिंता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, '21वीं सदी में हमारी चुनौतियां हो सकता है बदल गई हों, लेकिन हमारी विकास चिंताएं साझा हैं। यह मेरा प्रयास होगा कि हमारी विकास साझेदारी के परिणाम हमारे समाज के उन वर्गों तक पहुंचें, जिन्हें इनकी सर्वाधिक जरूरत है, खासतौर से युवाओं तक।'
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ शुक्रवार को विस्तार से बातचीत करने वाले पीएम मोदी ने बताया कि दोनों पक्ष रणनीतिक संबंधों को नया विस्तार देने पर राजी हो गए हैं, जिनमें सामाजिक आर्थिक सेक्टर, कारोबार और निवेश, लघु और मझोले कारोबार का विकास, सूचना और संचार तकनीक तथा क्षमता और संस्थान निर्माण शामिल है। उन्होंने इसके साथ ही कहा, 'इनमें से कुछ क्वाजुलू नटाल (वह प्रांत जहां डरबन स्थित है) की अहम ताकत हैं और इससे डरबन के साथ हमारे पारंपरिक संबंध और मजबूत होंगे।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम मजबूत सुरक्षा और रक्षा संबंधों के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमत हुए हैं।'
दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का जिक्र करते हुए मोदी ने क्रिकेट के बारे में भी बात की और कहा, 'इस खेल के लिए दीवानगी और प्यार हमारे समाजों में बहुत अधिक और गहरे तक है।' दक्षिण अफ्रीका में सर्वाधिक आबादी वाले भारतीय समुदाय की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वे इस देश के 'गौरवशाली, सफल और वफादार नागरिक हैं', जो विभिन्न तरह से इसके लिए योगदान कर रहे हैं। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि 16 नवंबर, 1860 को 342 भारतीयों का पहला समूह नटाल बंदरगाह के तट पर उतरा था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सहयोग को बढ़ाने की पैरवी करते हुए उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के बीच संबंधों का इतिहास आधुनिक समय की हमारी साझेदार को निर्मित करने के लिए एक मजबूत आधारशिला उपलब्ध कराता है।'
डरबन के मेयर द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका को उन 'महान अवसरों का फायदा उठाना चाहिए, जिनमें हमारा उज्ज्वल भविष्य है।' उन्होंने कहा, आज भारत आर्थिक कायाकल्प के दौर से गुजर रहा है और दक्षिण अफ्रीका, अफ्रीका की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हमारी कारोबार और निवेश साझेदारी पहले ही महत्वपूर्ण है।
उन्होंने इस देश की अपनी दो-दिवसीय यात्रा को समाप्त करने से ठीक पहले यह बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज हमारी एक-दूसरे पर निर्भर दुनिया में भारत की तरक्की की कहानी दीप्तिमान केंद्रों में से एक है। लेकिन भारत की आर्थिक तरक्की केवल हमारे समाज के फायदे के लिए नहीं है। हमारी साझेदारी अफ्रीका और दक्षिण अफ्रीका जैसे हमारे मित्रों के व्यापक हित के लिए खुली है।'
दक्षिण अफ्रीका के साथ महात्मा गांधी के विशेष लगाव और अपने दक्षिण अफ्रीकी साथियों के बारे में उनकी चिंता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, '21वीं सदी में हमारी चुनौतियां हो सकता है बदल गई हों, लेकिन हमारी विकास चिंताएं साझा हैं। यह मेरा प्रयास होगा कि हमारी विकास साझेदारी के परिणाम हमारे समाज के उन वर्गों तक पहुंचें, जिन्हें इनकी सर्वाधिक जरूरत है, खासतौर से युवाओं तक।'
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ शुक्रवार को विस्तार से बातचीत करने वाले पीएम मोदी ने बताया कि दोनों पक्ष रणनीतिक संबंधों को नया विस्तार देने पर राजी हो गए हैं, जिनमें सामाजिक आर्थिक सेक्टर, कारोबार और निवेश, लघु और मझोले कारोबार का विकास, सूचना और संचार तकनीक तथा क्षमता और संस्थान निर्माण शामिल है। उन्होंने इसके साथ ही कहा, 'इनमें से कुछ क्वाजुलू नटाल (वह प्रांत जहां डरबन स्थित है) की अहम ताकत हैं और इससे डरबन के साथ हमारे पारंपरिक संबंध और मजबूत होंगे।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम मजबूत सुरक्षा और रक्षा संबंधों के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमत हुए हैं।'
दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का जिक्र करते हुए मोदी ने क्रिकेट के बारे में भी बात की और कहा, 'इस खेल के लिए दीवानगी और प्यार हमारे समाजों में बहुत अधिक और गहरे तक है।' दक्षिण अफ्रीका में सर्वाधिक आबादी वाले भारतीय समुदाय की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वे इस देश के 'गौरवशाली, सफल और वफादार नागरिक हैं', जो विभिन्न तरह से इसके लिए योगदान कर रहे हैं। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि 16 नवंबर, 1860 को 342 भारतीयों का पहला समूह नटाल बंदरगाह के तट पर उतरा था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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