रावलपिंडी स्थित आतंकवाद विरोधी एक विशेष अदालत ने शनिवार को पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या मामले में 10 गवाहों को समन जारी किया।
डॉन ऑन लाइन के मुताबिक, आदियाला जेल परिसर में इस मामले की सुनवाई आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश पीरवाइज रसूल जोया कर रहे हैं।
न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष को भी मामले में गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद रफाकत, हसनैन गुल और एत्जाज शाह की जमानत अर्जियों पर नोटिस जारी किया। बाद में न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई 25 जनवरी तक के लिए टाल दी।
पाकिस्तान में चुनाव प्रचार के दौरान 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में आयोजित एक सभा में भुट्टो की हत्या कर दी गई थी। उस समय परवेज मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति थे। सभा को संबोधित करने के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी।
अगस्त 2013 में इस ममले में पूर्व सैनिक तानाशाह मुशर्रफ का नाम सामने आया, लेकिन बाद में एक अदालत ने उन्हें बरी कर दिया। भुट्टो की हत्या के लिए मुशर्रफ की सरकार ने तालिबान पर आरोप मढ़ा।
2010 में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया कि भुट्टो की हत्या टाली जा सकती थी और मुशर्रफ की सरकार उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रही।
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