प्रतीकात्मक फोटो
संयुक्त राष्ट्र:
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता से पहले दूसरे मोर्चे पर पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक बार फिर कश्मीर का मु्द्दा उठाते हुए इसे सुलझाने के लिए वैश्विक संस्था और इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) से मध्यस्थता करने की मांग की है।
क्षेत्रीय संगठन और समकालिक वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर कल एक खुली चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने कहा कि 57 सदस्यीय ‘ओआईसी’ वैश्विक शांति एवं समृद्धि में भी योगदान दे सकता है।
उन्होंने 15 सदस्यीय परिषद से कहा, ‘सामूहिक रूप से और संयुक्त राष्ट्र के साथ सहयोग करते हुए इसके पास फलस्तीन और मध्य पूर्व के अन्य संघर्षों तथा जम्मू कश्मीर विवाद को सुलझाने की क्षमता है।’
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को ओआईसी के इन क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए जैसे कि मध्यस्थता और विवादों का समाधान, शांति कायम रखना, मानवीय सहायता, खास तौर पर शरणार्थियों और विस्थापितों को तथा संघर्ष एवं चरमपंथ के मूल कारणों का समाधान करना।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के नियंत्रण रेखा पर हाल में हिंसा तेज होने पर गंभीर चिंता जताए जाने और भारत एवं पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच वार्ता के सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद जताए जाने के कुछ घंटों बाद उनकी टिप्पणी आई है।
पहली बार आतंकवाद से जुड़े मुद्दे पर 23 अगस्त को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का नई दिल्ली में अपने पाकिस्तानी समकक्ष सरताज अजीज के साथ बैठक करने का कार्यक्रम है जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नवाज शरीफ के बीच पिछले महीने रूस के उफा में मुलाकात के दौरान फैसला हुआ था।
क्षेत्रीय संगठन और समकालिक वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर कल एक खुली चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने कहा कि 57 सदस्यीय ‘ओआईसी’ वैश्विक शांति एवं समृद्धि में भी योगदान दे सकता है।
उन्होंने 15 सदस्यीय परिषद से कहा, ‘सामूहिक रूप से और संयुक्त राष्ट्र के साथ सहयोग करते हुए इसके पास फलस्तीन और मध्य पूर्व के अन्य संघर्षों तथा जम्मू कश्मीर विवाद को सुलझाने की क्षमता है।’
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को ओआईसी के इन क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए जैसे कि मध्यस्थता और विवादों का समाधान, शांति कायम रखना, मानवीय सहायता, खास तौर पर शरणार्थियों और विस्थापितों को तथा संघर्ष एवं चरमपंथ के मूल कारणों का समाधान करना।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के नियंत्रण रेखा पर हाल में हिंसा तेज होने पर गंभीर चिंता जताए जाने और भारत एवं पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच वार्ता के सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद जताए जाने के कुछ घंटों बाद उनकी टिप्पणी आई है।
पहली बार आतंकवाद से जुड़े मुद्दे पर 23 अगस्त को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का नई दिल्ली में अपने पाकिस्तानी समकक्ष सरताज अजीज के साथ बैठक करने का कार्यक्रम है जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नवाज शरीफ के बीच पिछले महीने रूस के उफा में मुलाकात के दौरान फैसला हुआ था।
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