वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में आयोजित विज्ञान मेले में भारतीय-अमेरिकी बच्चों की सराहना की और उभरते हुए अमेरिकी वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि 'खोज करते रहो और सपने देखते रहो'। उन्होंने बच्चों से दुनिया बदलने के लिए अपनी वैचारिक शक्ति का उपयोग करने को कहा।
ओबामा ने सोमवार को व्हाइट हाउस विज्ञान मेला 2015 में देश भर से अपने अविष्कारों, रोबोटों और खोजों को प्रदर्शित करने आए बाल वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को संबोधित हुए कहा, 'यह सवाल करते रहिए कि ऐसा क्यों है। आप जो पहले से जानते हैं उसी के सहारे मत बैठिए।'
ओबामा ने 30 राज्यों से आए 100 से अधिक छात्रों में से 12 छात्रों के अविष्कार व्यक्तिगत तौर पर देखे। उन्होंने कहा, 'दुनिया को बदलने के लिए अपने विचारों, अपनी कल्पनाओं और अपनी कड़ी मेहनत की शक्ति पर भरोसा करना कभी बंद मत करो।'
उन्होंने ब्रॉडकॉम मास्टर्स के राष्ट्रीय अंतिम प्रतिस्पर्धा में प्रौद्योगिकी में द्वितीय स्थान पाने वाले विजेता का नाम लेते हुए कहा, 'यहां पेंसिल्वेनिया से आए निखिल बिहारी हैं।'
उन्होंने कहा, 'हाई स्कूल में निखिल इस बात में दिलचस्पी रखता है कि हम ऑनलाइन हैकरों और डेटा चोरों से खुद को कैसे बेहतर तरीके से बचा सकते हैं।' उन्होंने कहा, 'निखिल के मन में सवाल उठा, क्या हममे से प्रत्येक व्यक्ति अलग-अलग तरीके से टाइप करता है? इसलिए उसने इस बारे में हर तरह का डेटा जुटाया है कि एक व्यक्ति कैसे टाइप करता है, उसकी गति, कैसे वे अक्सर रुकते हैं और वे कितना दबाव देते हैं। निखिल ने इसके परीक्षण के लिए एक खास की-बोर्ड बनाया है।'
ओबामा ने कहा, 'निखिल ने साबित कर दिया कि उसकी परिकल्पना सही थी। उसने खोजा की कि कैसे हम अपने ऑनलाइन खाते ज्यादा सुरक्षित रख सकते हैं।'
कैलिफोर्निया के सैन जोश की 18 वर्षीय रुचि पंड्या ने खूब की एक बूंद से व्यक्ति के दिल की कार्यप्रणाली के परीक्षण का तरीका खोजा।
ओबामा ने कहा, 'और अन्विता गुप्ता ने कैंसर, टीबी, इबोला के संभावित उपचारों की पहचान के लिए कृत्रिम सूचनाओं और जैव रसायन का प्रयोग किया।' उन्होंने कहा, 'उसने एक कलन विधि (एल्गोरिद्म) बनाई हैं, जो उन दवाओं को खोजने की प्रक्रिया तेज कर सकती है, जो इन बीमारियों के खिलाफ काम कर सकती है।'
ओबामा ने कहा, 'यहां मौजूद अधिकतर युवाओं की तरह, अन्विता और रुचि पहली पीढ़ी की अमेरिकी हैं।' उन्होंने कहा, 'उनके माता-पिता यहां आए हैं, ताकि उनके बच्चे अपनी प्रतिभा विकसित कर सके और दुनिया में कुछ अलग कर सकें। और हमें बहुत खुशी है कि उन्होंने ऐसा कर दिखाया।'
वैश्विक ऊर्जा संकट से प्रभावित होकर पिट्सबर्ग के 14 वर्षीय साहिल दोशी ने एक कार्बनडाईऑक्साइड से चलने वाली बैटरी डिजाइन की है।
ओबामा स्टेट डाइनिंग रूम, रेड रूम और ब्ल्यू रूम की हर मेज पर जाकर इन नए वैज्ञानिकों से बातें की और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई।
इस मेले में ओबामा ने और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) क्षेत्रों में छात्र-छात्रों खास तौर से वंचित समूहों के बच्चों को प्रेरित करने और उन्हें तैयार करने के लिए 24 करोड़ डॉलर देने की घोषणा की।
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