अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
राष्ट्रपति पद की रिपब्लिकन उम्मीदवारी के दावेदार डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐसे लोगों के खिलाफ चेताया है, जो दुनियाभर में हाल में हुए आतंकी हमलों के चलते जनता में उपजे डर का फायदा उठाते हुए ‘विभाजन को बढ़ावा’ दे रहे हैं।
ओबामा ने कहा कि आतंकियों का इरादा ‘हमारे विश्वास को कमजोर करने का’ है और साथ ही उनका इरादा यह भी है कि लोग उन लोगों से मुंह मोड़ लें, जिन्हें मदद और शरण की सबसे ज्यादा जरूरत है।
उन्होंने कहा, ये हमले डर और विभाजन को मजबूत कर सकते हैं। ये हमें अजनबी को निकाल देने के लिए उकसा सकते हैं, जो हमारे जैसे नहीं दिखते या हमारी तरह प्रार्थना नहीं करते, उन पर हमला बोलने के लिए उकसा सकते हैं। और ये हमें उन लोगों से मुंह मोड़ने को कह सकते हैं, जिन्हें मदद और शरण की सबसे ज्यादा जरूरत है।
कल ईस्टर प्रेयर ब्रेकफास्ट के अवसर पर उन्होंने कहा, आतंकियों की मंशा हमारे विश्वास को, हमारी उत्कृष्ट प्रेरणा को और हमारे फरिश्तों को कमजोर करने की है। उन्होंने कहा, दुनियाभर में हमने आतंकवाद का भयावह कृत्य देखा है। सबसे हालिया हमले ब्रसेल्स में और पाकिस्तान में हुए। पाकिस्तान में क्या हुआ- वहां मासूम परिवार, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे, ईसाई और मुस्लिम (शिकार बने)। हमारी प्रार्थनाएं मृतकों, उनके परिवारों और इन कायराना हमलों में बचे लोगों के साथ हैं। इस अवसर पर मौजूद बाइडेन ने कहा कि ब्रसेल्स, तुर्की और पाकिस्तान में हुए आतंकी हमलों के चलते लोगों में डर होना स्वाभाविक है लेकिन इस डर का फायदा उठाना बिल्कुल अस्वीकार्य है।
बाइडेन ने कहा, मैं जानता हूं कि दुनियाभर में बहुत डर और असहजता है। राष्ट्रपति और मैं दुनिया की बहुत-सी यात्राएं करते हैं और आपको हाल में बेल्जियम, तुर्की और पाकिस्तान के हमलों पर नजर डालनी चाहिए। उन्होंने कहा, और जब डर को समझा जा सकता हो, तो उसका फायदा उठाना बिल्कुल अस्वीकार्य है। मासूम लोगों का बहिष्कार सिर्फ उनके धर्म के चलते कर दिया जाना या दुष्टता और अत्याचार के शिकार पीड़ितों से हमारा मुंह मोड़ लेना..यह गलत है। उनकी टिप्पणियों को दरअसल रिपब्लिकन उम्मीदवारी के दावेदार ट्रंप पर निशाने के तौर पर देखा जा रहा है । ट्रंप ने अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने से जुड़ा बयान दिया था।
ओबामा ने कहा कि आतंकियों का इरादा ‘हमारे विश्वास को कमजोर करने का’ है और साथ ही उनका इरादा यह भी है कि लोग उन लोगों से मुंह मोड़ लें, जिन्हें मदद और शरण की सबसे ज्यादा जरूरत है।
उन्होंने कहा, ये हमले डर और विभाजन को मजबूत कर सकते हैं। ये हमें अजनबी को निकाल देने के लिए उकसा सकते हैं, जो हमारे जैसे नहीं दिखते या हमारी तरह प्रार्थना नहीं करते, उन पर हमला बोलने के लिए उकसा सकते हैं। और ये हमें उन लोगों से मुंह मोड़ने को कह सकते हैं, जिन्हें मदद और शरण की सबसे ज्यादा जरूरत है।
कल ईस्टर प्रेयर ब्रेकफास्ट के अवसर पर उन्होंने कहा, आतंकियों की मंशा हमारे विश्वास को, हमारी उत्कृष्ट प्रेरणा को और हमारे फरिश्तों को कमजोर करने की है। उन्होंने कहा, दुनियाभर में हमने आतंकवाद का भयावह कृत्य देखा है। सबसे हालिया हमले ब्रसेल्स में और पाकिस्तान में हुए। पाकिस्तान में क्या हुआ- वहां मासूम परिवार, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे, ईसाई और मुस्लिम (शिकार बने)। हमारी प्रार्थनाएं मृतकों, उनके परिवारों और इन कायराना हमलों में बचे लोगों के साथ हैं। इस अवसर पर मौजूद बाइडेन ने कहा कि ब्रसेल्स, तुर्की और पाकिस्तान में हुए आतंकी हमलों के चलते लोगों में डर होना स्वाभाविक है लेकिन इस डर का फायदा उठाना बिल्कुल अस्वीकार्य है।
बाइडेन ने कहा, मैं जानता हूं कि दुनियाभर में बहुत डर और असहजता है। राष्ट्रपति और मैं दुनिया की बहुत-सी यात्राएं करते हैं और आपको हाल में बेल्जियम, तुर्की और पाकिस्तान के हमलों पर नजर डालनी चाहिए। उन्होंने कहा, और जब डर को समझा जा सकता हो, तो उसका फायदा उठाना बिल्कुल अस्वीकार्य है। मासूम लोगों का बहिष्कार सिर्फ उनके धर्म के चलते कर दिया जाना या दुष्टता और अत्याचार के शिकार पीड़ितों से हमारा मुंह मोड़ लेना..यह गलत है। उनकी टिप्पणियों को दरअसल रिपब्लिकन उम्मीदवारी के दावेदार ट्रंप पर निशाने के तौर पर देखा जा रहा है । ट्रंप ने अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने से जुड़ा बयान दिया था।
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