Saudi Ambassador Honey Trapped: बांग्लादेश से लेकर सऊदी अरब तक हलचल मचा हुआ है. एक पूर्व ब्यूटी क्वीन, एक सऊदी राजदूत, हनी ट्रैप, ब्लैकमेलिंग और 5 मिलियन डॉलर का मामला एक साथ आने पर हर कोई चौंक गया है. कहानी शुरू होती है बांग्लादेश के ढाका से. यहां की मशहूर मॉडल और 2020 की मिस अर्थ बांग्लादेश मेघना आलम अचानक सुर्खियों में आ गईं. वजह? उन पर ढाका में सऊदी अरब के पूर्व राजदूत को हनी ट्रैप में फंसाने और 5 मिलियन डॉलर यानी करीब 43 करोड़ रुपये की उगाही करने का आरोप लगा है. मेघना का कहना है कि ये सब झूठ है, और असल में राजदूत ने उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया था.
ब्यूटी क्वीन सऊदी राजदूत मामला क्या है

बांग्लादेश पुलिस का कहना है कि मेघना आलम और उनके करीबी सहयोगी दवान समीर के साथ 2-3 और लोग मिलकर एक बड़ा प्लान बना रहे थे. पुलिस ने ढाका कोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि मेघना और उनकी टीम विदेशी राजदूतों को खूबसूरत लड़कियों के जरिए प्रेम जाल में फंसाती थी. फिर ब्लैकमेल करके मोटी रकम वसूलने की कोशिश करती थी. पुलिस ने ये भी कहा कि मेघना की हरकतों से देश की सुरक्षा खतरे में थी और बांग्लादेश के आर्थिक हितों को नुकसान हो रहा था, लेकिन ये इतना सीधा नहीं है. पुलिस ने मेघना को 9 अप्रैल को गिरफ्तार किया, वो भी बांग्लादेश के विवादित स्पेशल पावर्स एक्ट के तहत. इस एक्ट के तहत बिना चार्ज के किसी को महीनों तक हिरासत में रखा जा सकता है. हालांकि, इस गिरफ्तारी ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया है. क्योंकि मेघना को रात में उनके घर से पकड़ा गया, और वो उस वक्त फेसबुक लाइव कर रही थीं. जी हां, 12 मिनट का वो लाइव वीडियो, जिसमें मेघना रोते हुए कह रही थीं कि पुलिस उनके घर में घुस आई है, और वो बेकसूर हैं. वो वीडियो अब डिलीट हो चुका है, लेकिन इसने सोशल मीडिया पर आग लगा दी.
बांग्लादेश की ब्यूटी क्वीन मेघना आलम का पक्ष क्या है?

अब आते हैं मेघना के पक्ष पर. मेघना ने कोर्ट में दावा किया कि ये सब एक साजिश है. उनका कहना है कि सऊदी राजदूत ने पहले उनसे संपर्क किया और एक रिश्ता शुरू करने की बात कही. मेघना के वकील ने बताया कि राजदूत ने मेघना को शादी का प्रस्ताव दिया, बार-बार कॉल और मैसेज किए, लेकिन मेघना ने कोई पहल नहीं की. मेघना के पिता बदरूल आलम ने भी यही बात कही. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने राजदूत का प्रपोजल इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि वो पहले से शादीशुदा थे और उनके बच्चे भी थे. मेघना ने कोर्ट में बिना वकील के अपनी बात रखी और अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया. उन्होंने कहा कि वो निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है, लेकिन ये कहानी पेचीदा कुछ मीडिया रिपोर्ट्स से और हो जाती है. मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि सऊदी राजदूत इस स्कैंडल के बाद बांग्लादेश छोड़कर चले गए. वहीं सऊदी दूतावास इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है.
इसका क्या असर होगा?

अब सवाल ये है कि इस मामले का असर सिर्फ मेघना और राजदूत तक सीमित नहीं है. बांग्लादेश और सऊदी अरब के रिश्ते भी दांव पर हैं. सऊदी अरब बांग्लादेश को भारी मात्रा में आर्थिक और मानवीय मदद देता है. और हां, 20 लाख से ज्यादा बांग्लादेशी कामगार भी सऊदी अरब में काम करते हैं, जो बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा योगदान है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, जिसके मुखिया हैं मुहम्मद यूनुस, किसी भी हाल में सऊदी अरब से रिश्ते खराब नहीं करना चाहते, लेकिन इस मामले ने मानवाधिकार संगठनों को भी सड़कों पर ला दिया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बयान जारी कर कहा कि मेघना को या तो किसी ठोस अपराध में चार्ज किया जाए, या फिर रिहा किया जाए. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरूल ने भी माना कि मेघना की गिरफ्तारी में सही प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ.
पब्लिक रिएक्शन और विवाद

इस मामले ने बांग्लादेश में जनता का गुस्सा भड़का दिया. सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या मेघना को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उन्होंने एक ताकतवर शख्स के खिलाफ आवाज उठाई? कई लोग मेघना को सपोर्ट कर रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि वो और उनकी टीम सचमुच एक ब्लैकमेलिंग रैकेट चला रहे थे. बांग्लादेशी अखबार प्रोथोम आलो और डेली स्टार ने भी इस मामले को बड़े पैमाने पर कवर किया है. और हां, एक और ट्विस्ट ये है कि पुलिस ने मेघना के साथ-साथ दवान समीर को भी गिरफ्तार किया है, जो एक मैनपावर एजेंसी का मालिक है. पुलिस का दावा है कि समीर इस हनी ट्रैप और ब्लैकमेलिंग रैकेट का मास्टरमाइंड है. लेकिन क्या ये सच है, या फिर ये सब मेघना को चुप कराने की साजिश है? ये सवाल अभी अनसुलझा है.
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