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This Article is From Sep 03, 2016

जमात से जुड़े मीडिया-हस्ती मीर कासिम अली को युद्ध अपराधों के लिए फांसी दी गयी

जमात से जुड़े मीडिया-हस्ती मीर कासिम अली को युद्ध अपराधों के लिए फांसी दी गयी
मीर कासिम अली को काशीपुर केंद्रीय कारागार में फांसी दी गयी
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उसकी आखिरी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी
अली ने क्षमादान के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाने से इनकार कर दिया था
‘उसके परिवार के 22 सदस्य उससे अंतिम बार मिलने जेल पहुंचे’
ढाका: बांग्लादेश के कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के नेता और मीडिया हस्ती मीर कासिम अली को 1971 में हुए मुक्ति संग्राम के दौरान उसके अपराधों के लिए शनिवार रात फांसी दे दी गयी. अली को राजधानी के बाहर काशीपुर केंद्रीय कारागार में फांसी दी गयी.

गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने बताया, ‘उसे स्थानीय समायुनसार दस बजकर 35 मिनट पर फांसी दी गयी.’ शुक्रवार को 63 वर्षीय अली ने क्षमादान के लिए राष्ट्रपति के समक्ष गुहार लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद शनिवार को उसे फांसी दे दी गयी.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उसकी आखिरी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद अली के पास खुद को बचाने के लिए केवल राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करने का विकल्प था. इससे पहले अधिकारियों ने अली के परिवार को उससे मिलने के लिए जेल बुलाया था.

एक निजी चैनल के मुताबिक, ‘उसके परिवार के 22 सदस्य उससे (अली) अंतिम बार मिलने जेल पहुंचे.’ अली को फांसी दिये जाने के साथ ही बांग्लादेश द्वारा 1971 के युद्ध अपराधियों के खिलाफ 2010 में शुरू किए गए अभियान के बाद से अब तक छह युद्ध अपराधियों को फांसी दी गयी है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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