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मिट्टी-पत्थर से जंग का मॉडल, पाकिस्तानी आर्मी को कुछ यूं टक्कर दे रहे बलूच लड़ाके

बलूच लिबरेशन आर्मी के 33 लड़ाकों का पाकिस्तान की आर्मी से लोहा लेने और जाफर एक्‍सप्रेस को हाइजैक करने का एक अंदरूनी वीडियो सामने आ गया है. इस वीडियो ने पाकिस्तान के दावों की हकीकत बता दी है.

पाकिस्तान का बलूचिस्‍तान. पहाड़ी रेगिस्तान. दूर तक न पेड़-पौधे, न कोई परिंदा. दो छोटी पहाड़ियों के बीच एक खाली सी जगह पर एक मॉडल बना है. यह नक्शा आपको हैरान करता है. मिट्टी-पत्थर जोड़कर यह नक्शा बनाया गया है. कमांडर गोल घेरे में बैठे लड़ाकों को लकड़ी से एक एक चीज बारीकी से समझा रहा है. लकड़ी की नोक कभी पटरी पर रुकती है, तो कभी पत्थर जोड़कर सुरंग जैसी बनाई गई जगह पर. वह समझाता जाता है. लड़ाके सब गौर से देख रहे हैं. और फिर धीरे धीरे पूरा प्लान फाइनल कर लिया जाता है. वीडियो देखकर आपको किसी मध्ययुगीन जंग की रणनीति की तैयारी याद आएगी. बलूचिस्तान में यह बलूच लड़ाकों का देसी स्टाइल है. पाकिस्तान की सेना से वे ऐसे ही जंग लड़ रहे हैं. दरअसल, बलूच लड़ाकों का यह वह फाइनल प्लान था, जिसने पाकिस्तानी सेना को घुटनों पर ला दिया था. इस प्लान को अंजाम तक पहुंचाते हुए जाफर एक्सप्रेस पर हमला कर उसे सुरंग से पहले ही रोक लिया गया था और बंधक बना लिया गया था. नौ डिब्बों वाली जाफर एक्सप्रेस करीब 500 यात्रियों को लेकर क्वेटा से पेशावर के लिए चली थी. बोलान के पीरू कुनरी और गुदलार के पहाड़ी इलाकों के पास ट्रेन को रोका गया था. 

बलूच लिबरेशन आर्मी के 33 लड़ाकों का पाकिस्तान की आर्मी से लोहा लेने और जाफर एक्‍सप्रेस को हाइजैक करने का एक अंदरूनी वीडियो सामने आ गया है. वो भी खुद BLA की तरफ से. ये वही पाकिस्तान है जो अपनी ट्रेन तक को महफूज़ रख नहीं पाया और चला था भारत से पंगा लेने. एक मुल्क जो खुद को न्यूक्लियर पावर कहता है, उसकी जमीन पर चंद लड़ाके आकर ट्रेन हाइजैक कर लेते हैं और फिर उसी का वीडियो भी बनाते हैं. ऑपरेशन सिंदूर में हुई पाकिस्‍तान की बेइज्जती को दुनिया ने देखा तो रही सही कसर ट्रेन हाइजैक का यह वीडियो निकाल देगा. 

जाफर एक्‍सप्रेस हाइजैक का वीडियो

यह वीडियो पाकिस्तान की उस हकीकत को नंगा कर देता है, जिसे छुपाने की उसने तमाम कोशिशें की. बलूच लिबरेशन आर्मी ने जाफर एक्‍सप्रेस ट्रेन हाइजैक का यह वीडियो रिलीज किया है, जिसे देखकर पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है. 

ये पूरी घटना मार्च 2025 की है, जब जाफर एक्‍सप्रेस नाम की ट्रेन क्वेटा से पेशावर जा रही थी. ट्रेन में 440 मुसाफिर थे और तभी रास्ते में हमला हो गया. BLA के 33 लड़ाके ट्रेन पर टूट पड़े. ये कोई अचानक किया गया हमला नहीं था. ये था एक फुल प्लांड मिशन, जिसका नाम था: "ऑपरेशन दर्रा-ए-बोलन 2.0". इस ऑपरेशन में किस तरह ट्रेन को रोका गया, कैसे हमला बोला गया, ये सब कुछ BLA के वीडियो में अब सामने आया है.  

कैमरे पर BLA कमांडरों ने क्‍या बताया?

इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि BLA के कमांडर कैसे कैमरे के सामने बैठकर बता रहे हैं कि हमने क्यों ये फैसला लिया. एक BLA लड़ाका कहता है: “हमारी जंग अब उस मोड़ पर आ चुकी है जहां ऐसे मुश्किल फैसले लेने जरूरी हैं. जब हमारे पास और कोई रास्ता नहीं बचा तो हमें बंदूक से ही बंदूक को रोकना पड़ेगा.” और फिर वो आगे कहता है: “आज का बलोच नौजवान ये समझ चुका है कि अगर उसे जीना है तो दुश्मन पर वार करना ही पड़ेगा. बेटा बाप को छोड़कर जान देने निकला है और बाप बेटा छोड़कर फिदा होने.” ये लाइनें सुनकर आप समझ सकते हैं कि यह सिर्फ एक हाइजैकिंग नहीं थी, यह पाकिस्तान के खिलाफ खुले युद्ध की सीधी घोषणा थी. 

पाकिस्तान की फजीहत

BLA के 33 विद्रोहियों ने ट्रेन को कब्जे में कर लिया था और पाकिस्तान की फौज बहुत वक्‍त बाद ही किसी तरह कुछ कर पाती है. लेकिन तब तक क्या हो चुका होता है? इंटरनेशनल बेइज्‍जती, डरा हुआ मुल्क और एक और सबूत कि पाकिस्तान बलूचिस्‍तान पर से पूरी तरह से अपना कंट्रोल खो चुका है. 

रज्‍जाक बलूच का बड़ा बयान

कुछ दिन पहले ही बलूच अमेरिकन कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी रज्‍जाक बलूच ने कहा था,  “पाकिस्तान ने बलूचिस्‍तान का 80% हिस्सा खो दिया है. फौज वाले अब क्वेटा से बाहर निकलने में भी डरते हैं. बेहतर है कि ये लोग इज्‍जत से पीछे हट जाएं, वरना फिर से बांग्लादेश जैसे हालात बनेंगे.” 

बलूचिस्तान की हकीकत

बलूचिस्‍तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा सूबा है. यहां की 70% आबादी गरीबी रेखा से नीचे जी रही है. ये वही इलाका है, जहां पाकिस्तान और उसका प्यारा दोस्त चीन मिलकर लूट मचा रहे हैं. यहां छुपे हैं अनगिनत मिनरल्स, गोल्ड, गैस, ऑयल, और स्ट्रैटेजिक पावर. हालांकि यहां के लोगों को क्या मिला? कर्फ्यू, आर्मी की गोलियां और लोगों को जबरन गायब किया जाना. तो अब जब लोगों ने हथियार उठा लिए हैं तो हैरानी क्‍यों हो रही है.  

मीर यार बलूच का बयान

बलोच नेता मीर यार बलोच क्या कहते हैं: “बलूचिस्तान कभी पाकिस्तान का हिस्सा था ही नहीं. हम तो 11 अगस्त 1947 को ही आजादी का ऐलान कर चुके थे, जब अंग्रेज़ यहां से जा रहे थे.” मतलब पाकिस्तान जिस जमीन को अपनी कहता है, वो जमीन उसके कब्जे में है ही नहीं, यह सिर्फ एक जबरन कब्‍जा है. तो अगली बार जब पाकिस्तान UN में खड़े होकर कश्मीर-कश्मीर चिल्लाए तो कोई उससे पूछे —“भाई पहले बलूचिस्‍तान तो संभाल लो, कश्मीर तो बहुत दूर की बात है.” 

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