मनामा/रियाद:
बहरीन में एक सप्ताह से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद शाह हमद बिन ईसा अल खलीफा के आदेश पर 25 राजनीतिक कैदियों को रिहा कर दिया गया। इसके साथ ही शाह राय-मशविरे के लिए बुधवार को सऊदी अरब के लिए रवाना हो गए। सीएनएन के अनुसार बहरीन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि लगभग 25 कैदियों को मंगलवार की रात रिहा कर दिया गया और अन्य कैदियों के खिलाफ कार्रवाई रोक दी गई है। रिहा किए गए कैदियों में प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता अली अब्दुलमाम, अब्दुल-घानी खंजर और मोहम्मद सईद शामिल हैं। अब्दुलमाम बहरीनऑनलाइन डॉट ऑर्ग चलाते हैं, अब्दुल घानी कमेटी फॉर विक्टिम्स ऑफ टार्चर के सदस्य हैं और सईद बहरीन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स के लिए काम करते हैं। कई प्रमुख शिया मौलानाओं को भी रिहा कर दिया गया है। इसमें हक मूवमेंट फॉर सिविल लिबर्टीज एंड डेमोक्रेसी के प्रवक्ता अब्दुलजलील अल-सेंगैज भी शामिल हैं। बहरीन में शिया मुसलमान बहुसंख्यक हैं और एक सुन्नी संभ्रांत का यहां शासन है। सीएएनएन ने बहरीन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स के नबील रजब के हवाले से कहा है कि अब तक लगभग 100 कैदियों को रिहा किया जा चुका है, लेकिन 400 लोग अभी भी राजनीति प्रेरित आरोपों में कैद हैं। दूसरी ओर शाह हमद बुधवार को सऊदी अरब पहुंच रहे हैं। इसके एक दिन पहले मंगलवार को विरोध प्रदर्शन की आग देश की राजधानी की सड़कों पर फैल गई थी। मंगलवार को हजारों की संख्या में लोगों ने सरकार विरोधी जुलूस में हिस्सा लिया था। पिछले सप्ताह शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा जुलूस था। जुलूस में शामिल लोग कुछ इस तरह के नारे लगा रहे थे : "सुन्नी नहीं, शिया नहीं, केवल बहरीन" और "सत्ता बदलो"। इस जुलूस का नेतृत्व वे एम्बुलेंस कर्मी कर रहे थे, जो पिछले गुरुवार को पर्ल स्क्वे यर पर सुरक्षा बलों के हमले में घायल हुए कुछ लोगों को बचाने में शामिल थे। एक सरकारी बयान के अनुसार शाह हमद ने मंगलवार को लोगों से आग्रह किया था कि वे एक राष्ट्रीय संवाद में शामिल हों और एक नई प्रक्रिया से जुडे तथा ध्रुवीकरण से बाज आएं।