प्रतीकात्मक फोटो.
मेलबर्न:
ऑस्ट्रेलिया ने कुशल विदेशी श्रमिकों के लिए ‘457 वीजा’ कार्यक्रम में परिवर्तन की घोषणा की है जिससे अपने आधिकारिक नियोजन की समाप्ति के बाद दूसरी नौकरी खोजने की उनकी क्षमता सीमित हो जाएगी और इससे यहां काम करने वाले भारतीयों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
इस परिवर्तन के बाद ‘457 वीजा’ वाले विदेशी श्रमिक अब अपना नियोजन समाप्त होने के बाद ऑस्ट्रेलिया में 90 दिन के बजाय 60 दिन ही रह पाएंगे.
आव्रजन मंत्री पीटर डुट्टन ने कल कहा, ‘‘19 नवंबर से उपवर्ग 457 वीजा धारी अपने नियोजन की समाप्ति के बाद जिस समयकाल के लिए रह सकता हैं उसे 90 दिन से घटाकर 60 दिन कर दिया गया है.’’ डुट्टन ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए वचनबद्ध है कि ऑस्ट्रेलियाई कामगार को तरजीह मिले और अस्थाई वीजा धारकों के शोषण की क्षमता घटे.
उन्होंने कहा, ‘‘यह परिवर्तन उन ऑस्ट्रेलियाइयों को विदेशी कामगारों से मिलने वाली प्रतिस्पर्धा घटाने के लिए है जो काम की तलाश सक्रियतापूर्वक कर रहे हैं.’’ इस बीच, एबीसी ऑनलाइन ने बताया कि ‘457 वीजा’ विदेशी कामगारों को चार साल के लिए प्रदान किया जाता है और यह वीजा उन कार्यों के लिए है जिसके लिए ऑस्ट्रेलियाई कामगार पाने में दिक्कत होती है.
पिछले वित्तवर्ष में सबसे ज्यादा वीजा रसोइयों को दिया गया था. इस श्रेणी में सबसे ज्यादा श्रमिक भारत (26.8 प्रतिशत) के हैं जिसके बाद ब्रिटेन (15 प्रतिशत) और चीन (6.6 प्रतिशत) का नंबर है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस परिवर्तन के बाद ‘457 वीजा’ वाले विदेशी श्रमिक अब अपना नियोजन समाप्त होने के बाद ऑस्ट्रेलिया में 90 दिन के बजाय 60 दिन ही रह पाएंगे.
आव्रजन मंत्री पीटर डुट्टन ने कल कहा, ‘‘19 नवंबर से उपवर्ग 457 वीजा धारी अपने नियोजन की समाप्ति के बाद जिस समयकाल के लिए रह सकता हैं उसे 90 दिन से घटाकर 60 दिन कर दिया गया है.’’ डुट्टन ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए वचनबद्ध है कि ऑस्ट्रेलियाई कामगार को तरजीह मिले और अस्थाई वीजा धारकों के शोषण की क्षमता घटे.
उन्होंने कहा, ‘‘यह परिवर्तन उन ऑस्ट्रेलियाइयों को विदेशी कामगारों से मिलने वाली प्रतिस्पर्धा घटाने के लिए है जो काम की तलाश सक्रियतापूर्वक कर रहे हैं.’’ इस बीच, एबीसी ऑनलाइन ने बताया कि ‘457 वीजा’ विदेशी कामगारों को चार साल के लिए प्रदान किया जाता है और यह वीजा उन कार्यों के लिए है जिसके लिए ऑस्ट्रेलियाई कामगार पाने में दिक्कत होती है.
पिछले वित्तवर्ष में सबसे ज्यादा वीजा रसोइयों को दिया गया था. इस श्रेणी में सबसे ज्यादा श्रमिक भारत (26.8 प्रतिशत) के हैं जिसके बाद ब्रिटेन (15 प्रतिशत) और चीन (6.6 प्रतिशत) का नंबर है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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