म्यांमार की विपक्षी नेता आंग सान सू ची ने बुधवार को संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। पिछले महीने के उपचुनाव में उनकी पार्टी ने भारी जीत दर्ज कराई थी।
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नेपेडा:
म्यांमार की विपक्षी नेता आंग सान सू ची ने बुधवार को संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। पिछले महीने के उपचुनाव में उनकी पार्टी ने भारी जीत दर्ज कराई थी।
नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एलएलडी) की नेता सू ची नेपेडा स्थित संसद भवन में बुधवार सुबह पहुंचीं और संसद भवन में पहली बार अपनी सीट पर बैठीं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सू ची (66) ने अपनी पार्टी के निर्वाचित 42 सांसदों के साथ संसद भवन पहुंचने के लगभग आधा घंटे बाद शपथ ली। सू ची की पार्टी के तीन सांसद ऑस्ट्रेलिया के आधिकारिक दौरे पर हैं, लिहाजा वे इस शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हो पाए।
एनएलडी के निर्वाचित सदस्यों ने शुरू में शपथ की भाषा के कारण शपथ लेने से इनकार कर दिया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून के म्यांमार दौरे के बाद वे उसके साथ समझौता करने पर तैयार हो गए।
सू ची ने संवाददाताओं से कहा कि वह और उनकी पार्टी के सांसद, संसद के अंदर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे, जिस तरह से हमने पिछले 20 वर्षो से संसद के बाहर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। सू ची ने यह भी कहा कि सेना के साथ संसद में बैठने को लेकर उन्हें कोई हर्ज नहीं है।
नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची ने जब से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया है, तब से उन्हें कई बार नजरबंद किया गया। पिछले 21 वर्षों के दौरान वह 15 वर्षों तक नजरबंद रहीं हैं।
नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एलएलडी) की नेता सू ची नेपेडा स्थित संसद भवन में बुधवार सुबह पहुंचीं और संसद भवन में पहली बार अपनी सीट पर बैठीं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सू ची (66) ने अपनी पार्टी के निर्वाचित 42 सांसदों के साथ संसद भवन पहुंचने के लगभग आधा घंटे बाद शपथ ली। सू ची की पार्टी के तीन सांसद ऑस्ट्रेलिया के आधिकारिक दौरे पर हैं, लिहाजा वे इस शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हो पाए।
एनएलडी के निर्वाचित सदस्यों ने शुरू में शपथ की भाषा के कारण शपथ लेने से इनकार कर दिया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून के म्यांमार दौरे के बाद वे उसके साथ समझौता करने पर तैयार हो गए।
सू ची ने संवाददाताओं से कहा कि वह और उनकी पार्टी के सांसद, संसद के अंदर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे, जिस तरह से हमने पिछले 20 वर्षो से संसद के बाहर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। सू ची ने यह भी कहा कि सेना के साथ संसद में बैठने को लेकर उन्हें कोई हर्ज नहीं है।
नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची ने जब से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया है, तब से उन्हें कई बार नजरबंद किया गया। पिछले 21 वर्षों के दौरान वह 15 वर्षों तक नजरबंद रहीं हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं