विलुप्ति का खतरा भी पैदा कर सकती है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : विशेषज्ञों की चेतावनी

एक पंक्ति के स्टेटमेंट में कहा गया है, "महामारियों और परमाणु युद्ध जैसे सामाजिक-स्तर के खतरों के साथ-साथ AI की वजह से विलुप्ति के खतरे को कम करना भी वैश्विक प्राथमिकता होना चाहिए..."

विलुप्ति का खतरा भी पैदा कर सकती है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : विशेषज्ञों की चेतावनी

शीर्ष AI विज्ञानियों, शोधकर्ताओं ने मानव जाति के लिए AI से पैदा होने वाले खतरों के बारे में नई चेतावनी जारी की है...

विशेषज्ञों ने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या Artificial Intelligence) के उन संभावित खतरों के बारे में चेताया है जो सभ्यता के अस्तित्व तक के लिए खतरा हैं. मंगलवार को शीर्ष AI विज्ञानियों, शोधकर्ताओं और कुछ अन्य लोगों ने मानव जाति के लिए AI से पैदा होने वाले खतरों के बारे में एक नई चेतावनी जारी की. AI से खतरों पर जारी इस स्टेटमेंट पर सैकड़ों जानी-मानी हस्तियों ने दस्तख़त किए हैं, और इसे सेंटर फॉर AI सेफ्टी की वेबसाइट पर पोस्ट किया गया है.

एक पंक्ति के स्टेटमेंट में कहा गया है, "महामारियों और परमाणु युद्ध जैसे सामाजिक-स्तर के खतरों के साथ-साथ AI की वजह से विलुप्ति के खतरे को कम करना भी वैश्विक प्राथमिकता होना चाहिए..." इस पत्र पर 350 से ज़्यादा अधिकारियों, शोधकर्ताओं और इंजीनियरों द्वारा दस्तख़त किए गए हैं, और इनमें तीन प्रमुख AI कंपनियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं - सैम ऑल्टमैन (OpenAI के मुख्य कार्यकारी), डेमिस हासाबिस (गूगल डीपमाइंड के मुख्य कार्यकारी) तथा डारियो अमोदेई (एन्थ्रोपिक के मुख्य कार्यकारी).

यह स्टेटमेंट ऐसे वक्त में जारी किया गया है, जब AI के संभावित नुकसानों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं.

सेंटर फॉर AI सेफ्टी वेबसाइट ने कई आपदाओं की चेतावनी दी है...

  • AI को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है : दुर्भावनापूर्ण लोग AI को बेहद विनाशकारी बना सकते हैं, जिससे अस्तित्व को ही खतरा पैदा हो सकता है, और राजनीतिक अस्थिरता की आशंका भी बढ़ सकती है.
  • AI-जनित गलत सूचना : AI-जनित गलत सूचनाओं और भड़काऊ कॉन्टेंट की बाढ़ आने से हमारा समाज आज के समय की अहम चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार नहीं रह सकेगा.
  • गलत इरादों के साथ तैयार किए गए AI सिस्टम अपने उद्देश्य को पाने के लिए नए-नए तरीके खोज सकता है, भले ही उसकी कीमत व्यक्ति और सामाजिक मूल्यों से चुकानी पड़े.
  • यदि अहम काम इसी तरह मशीनों को सौंपा जाना बढ़ता रहा, तो समाज में कमज़ोरी पैदा हो सकती है - ऐसे हालात में - इंसान खुद को संचालित करने की क्षमता खोकर पूरी तरह मशीनों पर निर्भर हो सकता है, बिल्कुल उसी तरह, जैसा फिल्म WALL-E में दिखाया गया है.

CNN के अनुसार, सेंटर फॉर AI सेफ़्टी के कार्यकारी निदेशक डैन हेंड्रिक्स ने कहा, ये हालात "परमाणु विज्ञानियों द्वारा उन्हीं की बनाई तकनीकों के बारे में चेतावनी जारी करने की याद दिलाते हैं... जैसा रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने कहा था, 'हम जानते थे कि दुनिया पहले जैसी नहीं रहेगी...'"

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डैन हेंड्रिक्स ने यह भी कहा, "AI की तरफ़ से सिर्फ़ विलुप्ति का नहीं, कई 'अहम और त्वरित खतरे' हैं... उदाहरण के लिए - सिस्टमैटिक पूर्वाग्रह, गलत सूचनाएं, गलत इरादों से सूचना का इस्तेमाल, साइबर हमले और शस्त्रीकरण... ये सभी अहम खतरे हैं, जिनका इलाज तलाश करने की ज़रूरत है..."